दो जून की रोटी और आगे बढ़ने के लिए एक बेटी, एक बहन अपना घर छोड़कर परदेस जाती है, तो उसके मन में सबसे अधिक चिंता रहने के लिए सुरक्षित आशियाना तलाशने की होती है। उसे हर समय यही डर सताता रहता है कि कहीं कुछ अनहोनी न हो जाए। कामकाजी महिलाओं की इसी परेशानी को गंभीरता से समझते हुए सरकार की ओर से लंबे समय से एक योजना चल रही है। योजना का नाम है 'वर्किंग वुमन हॉस्टल स्कीम' योजना का मकसद महिलाओं को सुरक्षित और सस्ता आशियाना उपलब्ध कराना है, जिससे वह बिना किसी डर के रह सकें,आगे बढ़ सकें।
योजना : वर्किंग वुमेन हॉस्टल स्कीम, भारत सरकार
योजना का मकसद : घर से दूर रहने वाली कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और सस्ता आवास उपलब्ध कराना।
यह है योजना
बहुत सी महिलाएं रोजगार की तलाश में अपने घर छोड़कर बड़े शहरों और शहरी और ग्रामीण औद्योगिक समूहों की तरफ रुख करती हैं। उन्हें सुरक्षित आशियाना उपलब्ध कराना योजना का उद्देश्य है।
ये महिलाएं हैं योजना के लिए पात्र
- गैर सरकारी, शिक्षा व सार्वजनिक उपक्रमों में कार्यरत महिलाएं।
- आवेदक की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- कार्यरत महिलाएं, जो सिंगल, विधवा, तलाकशुदा, विवाहिता हो। लेकिन जिनके पति या तत्काल परिवार उसी शहर में नहीं रहते हैं।
- समाज के वंचित वर्गों की महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी जा सकती है।
- शारीरिक रूप से विकलांग लाभार्थियों के लिए सीटों के आरक्षण का भी प्रावधान है।
- महिलाएं जो नौकरी के लिए प्रशिक्षण ले रही हैं, उनकी प्रशिक्षण अवधि एक वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- कामकाजी महिलाओं को छात्रावास की सुविधा के लिए प्रति माह आय महानगरीय शहरों में 50,000 रुपये और अर्द्ध शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों में 35,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- किसी भी कामकाजी महिला को छात्रावास में तीन साल से अधिक रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- कामकाजी महिलाओं के बच्चों (लड़कियों को 18 वर्ष की आयु तक और लड़कों को 5 वर्ष की आयु तक) को अपनी मां के साथ समायोजित किया जा सकता है।
ये दस्तावेज होने जरूरी
- आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइंविंग लाइसेंस, पेन कार्ड, पासपोर्ट आदि की फोटोकॉपी।
- कार्यालय द्वारा जारी पहचान पत्र।
- टेलीफोन या मोबाइल नंबर।
इस तरह कर सकते हैं आवेदन
- जिला स्तर पर, जिला कलेक्टर या जिला मजिस्ट्रेट या नगरपालिका आयुक्त से संपर्क करें।
- या जिला समाज कल्याण अधिकारी या प्रोबेशन ऑफिसर या किसी अन्य राज्य सरकार के प्रतिनिधि से संपर्क करें।
- इस योजना के तहत जिले में इस परियोजना को लागू करने वाले गैर सरकारी संगठन एनजीओ के प्रतिनिधि से भी संपर्क कर सकते हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.