महाराष्ट्र की मेघा ने सलाद को बिजनेस का रूप देकर न केवल एक नया मुकाम हासिल किया, बल्कि आज वह अन्य महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनको प्रेरणा भी दे रही हैं।
महाराष्ट्र । हर बड़े काम की शुरुआत छोटी ही होती है, लेकिन छोटी शुरुआत को बड़ा बनाने का प्रयास अगर मेहनत से किया जाए, तो सफलता जरूर मिलती है। ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाली मेघा ने किया। व्हाट्सएप के जरिये सलाद के स्टार्टअप को उनहोंने एक बिजनेस का रूप दे रिया। आज वह इस काम को बखूबी कर भी रही हैं और अन्य महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध करा रही हैं।
आज लोग चमक दमक वाली नौकरी या बिजनेस की कशमकश के बीच फंसे रहते हैं। चमक-दमक के बीच फंसकर वह अपने करियर पर ध्यान नहीं देते और अपने लक्षयों को भी पूरा नहीं कर पाते। लेकिन पुणे की मेघना एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने करियर के साथ-साथ अपने पैशन को भी फॉलो किया और आज वह एक सफल बिजनेस वुमेन हैं।
रियल एस्टेट से सलाद का बिजनेस
मेघा पहले रियल स्टेट के क्षेत्र में कार्यरत्त थीं। प्रंदह साल इस क्षेत्र में गुजारने के बाद भी उन्हें हमेशा शौक था कि वह अलग तरह का सलाद बनाये और लोगों को खिलाएं। बसी इसी पैशन के बीच उनके दिमाग में आइडिया आया कि क्यों न वह अलग-अलग स्पेशल सलाद डिलिवरी करने का काम शुरू करें। फिर क्या था, उन्होंने इसी आइडिया को फोकस किया और काम करना शुरू किया। शुरुआत में उन्होंने अलग-अलग तरह के सलाद पर एक्सपेरिमेंट शुरू किया और फिर व्हाट्सएप के जरिये बिजनेस शुरू किया। शुरुआती लागत 3500 रुपये थी। मेघा ने एक-दो व्हाट्सएप ग्रुप्स में मेसेज डाल दिया कि वे अपना सलाद का बिजनेस शुरू कर रही हैं। यदि कोई हेल्दी और अलग वैरायटी, अलग स्वाद के सलाद खाना चाहता है तो उन्हें ऑर्डर दे सकता है। इससे पहले दिन ही चार पांच ऑर्डर मिलने लगे। ।
पसंद आए सलाद
मेघा के बनाए सलाद को हाथों हाथ लिया जाने लगा। समय के साथ ऑर्डर बढ़ते गए। फिर मेघा ने सलाद की वैरायटी और स्टॉफ भी बढ़ा दिया। आज उनके साथ10 डिलीवरी एजेंट उनके साथ काम कर रहे हैं। इसके अलावा, 9 महिलाओं को उन्होंने सब्ज़ियां काटने का काम भी सौंपा है। उनकी कंपनी रोजाना तीन सौ लोगों को सलाद डिलीवर करती है। मेघा ने अपनी रियल स्टेट की जॉब के साथ इस साइड बिजनेस को नहीं छोड़ा है। साइड बिजनेस से वो हर माह करीब 1.25 लाख रुपये महीना का लाभ कमा रही हैं।
मैन्यू है कुछ खास
वह अपने सलाद में क्वालिटी और स्वाद दोनों देती हैं। इसके साथ-साथ उनके मैन्यू में अलग तरह की वैरायटी भी हैं। हर दिन का मैन्यू अलग है। वह सप्ताह में पांच दिन डिलीवरी देती हैं, जिसमें पांचों दिन अलग-अलग तरह के विकल्प ग्राहकों को दिए जाते हैं। सोमवार से शुक्रवार हर दिन मैन्यू एक जैसा नहीं होता। इसके अलावा उनके मैन्यू में बाइस तरह की वैरायटी हमेशा रहती हैं। मरीजों के लिए स्पेशल और खास तरह का सलाद भी तैयार किया जाता है।
परिवार ने दिया पूरा साथ
मेघ बताती हैं कि इस काम को शुरू करने में उनके पति और सास ने पूरा सहयोग दिया। वह चाहती थीं कि जॉब छोड़ दे या फिर बिजनेस लेकिन टाइम मैनेज किया और परिजनों से मदद मिली, तो उन्होंने परेशानियों से जूझते हुए इस पर काम शुरू किया। परिवार की चाहत भी कि उनके पैशन को नाम मिले और परिवार ने पूरा साथ दिया। जैसे-जैसे काम बढ़ा, उन्होंने अपनी टीम पर फोकस किया। उनके यहां पहले से काम करने वाली बाई तो पहले ही उनके साथ जुड़ गयी थी। उसके अलावा, उन्होंने उसके जानने-पहचानने वाली महिलाओं को काम पर रखा।
जरूरतमंदों को दिया रोजगार
मेघा के स्टाफ में काम करने वाली गरीब और जरूरतमंद महिलाएं हैं। ये महिलाएं सिर्फ सब्जियां ही नहीं काटतीं, उन्हें अलग-अलग सलाद, हरी सब्जियों, ग्रेन्स आदि पर थोड़ी-बहुत ट्रेनिंग भी दी है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.