अपराजिता आयोजन
अपराजिता अभियान के तहत 2 मार्च को बस्ती ओर बहराइच में आयोजन हुए। यहां महिलाओं को स्वावलंबी बनने की सीख दी गई तथा उन्हें कामयाब बनकर अन्य महिलाओं के लिए मिसाल पेश करने को भी प्रेरित किया गया। कार्यक्रम के दौरान सभी ने नारी गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखने की भी शपथ ली।
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स्वावलंबन से ही नारी सशक्तीकरण : बस्ती । समाज में अगर खुद को साबित करना हो तो पहले शिक्षित होना होगा। शिक्षा के साथ ही आपको रोजगार की दिशा में भी प्रयास करना होगा। तभी आप अपनी स्थिति को मजबूत कर पाएंगी। आरसीसी पब्लिक स्कूल गनेशपुर रोड में महिला आर्थिक सशक्तीकरण पर आयोजित परिचर्चा में परियोजना निदेशक आरपी सिंह ने यह बात छात्राओं से कही। उन्होंने कहा कि छात्राएं मन लगाकर अध्ययन करें। लक्ष्य निर्धारित करें और उसी के अनुसार आगे बढ़ें। कामयाब होने पर ही आप समाज में महिलाओं के प्रति होने वाले भेदभाव को समाप्त कर पाएंगी। इस दौरान 130 छात्राओं ने शपथ पत्र भरे।
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रोजगार के क्षेत्र में अपार संभावनाएं : बहराइच। छोटे घरेलू उद्योगों से भी महिलाएं अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकती हैं। अगर महिलाएं घर में अपना आर्थिक सहयोग करेंगी तो निश्चित ही वह महिलाओं के प्रति समाज में व्याप्त भेदभाव को खत्म कर पाएंगी। इसके लिए महिलाओं को आगे आना होगा, स्वावलंबन की दिशा में कदम उठाना होगा। खुद के प्रयास से ही और अपने दम पर ही वे समाज में बदलाव ला पाएंगी। बहराइच के चित्तौरा ब्लॉक में आयोजित परिचर्चा में जिला प्रशिक्षण अधिकारी चंद्रकांत वर्मा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुधारने की कोशिश की जा रही है। इसमें महिलाओं को भी आगे आने की जरूरत है। महिलाओं को विशेषज्ञों ने रोजगार की संभावनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.