अमर उजाला अपराजिता मुहिम के तहत गुरुवार को बिथरी चैनपुर के गांव पहाड़गंज में महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति किया जागरूक
बरेली। अमर उजाला अपराजिता ‘100 मिलियन स्माइल्स’ मुहिम के तहत गुरुवार को बिथरी चैनपुर के गांव पहाड़गंज में महिलाओं को अपराजिता बनने के लिए संकोच को छोड़ बेबाकी से अपनी बात समाज के सामने रखने की सीख दी गई। पीरियड जैसे विषय पर खुलकर बात करने और हाइजीन के लिए सजग रहने का सुझाव दिया गया। महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्या और भ्रांतियों के प्रति जागरूक किया गया। इस पर महिलाओं ने संकोच छोड़ ‘अपराजिता’ बनने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में पैड बैंक संस्था के डॉ. अमित चौधरी ने पीरियड के दौरान महिलाओं को साफ-सफाई रखने और पैड का प्रयोग करने का सुझाव दिया। बताया कि 21वीं सदी में भी महिलाएं पुरातनपंथी सोच से बंधी हुई हैं। वे महिलाओं संबंधी आम समस्याओं के बारे में बात करने से भी कतराती हैं। खुद को बीमार बना लेंगी लेकिन बीमारी की वजह के बारे मेें बात नहीं करेंगी। इसलिए उन्होंने मौजूद सभी महिलाओं को पीरियड के बारे में बेझिझक बात करने का सुझाव दिया। कहा कि, पीरियड के दौरान महिलाओं को परिवार से अलग-थलग कर दिया जाता है। उनसे घर के काम नहीं कराया जाता, सामान छूने और बाल धोने की मनाही समेत अन्य पाबंदियां थोप दी जाती हैं। उन्होंने समाज की इस सोच को बदलने के लिए महिलाओं को आगे कदम बढ़ाने का सुझाव दिया। पैड बैंक टीम की सदस्य सहर चौधरी ने महिलाओं को पैड के प्रयोग के बारे में जानकारी दी। साथ ही, पैड कपड़े से कैसे अलग हैं, के बारे में बताया। महिलाओं ने भी पैड और पीरियड से जुड़े कई सवाल पूछे, जिनका जवाब डॉ. चौधरी ने दिए।
महिलाओं को बांटे पैड
पैड बैंक टीम ने गांव की 50 से ज्यादा महिलाओं को निशुल्क पैड बांटे। उन्होंने पैड का प्रयोग करने के लिए महिलाओं को प्रेरित किया ताकि वे स्वच्छ, स्वस्थ और रोगमुक्त रह सकें। साथ ही, टीम ने पैड खरीदने में समस्या आने पर संस्था के मोबाइल नंबर पर कॉल कर निशुल्क पैड प्राप्त करने का सुझाव दिया। आखिर में सभी ने अपराजिता की शपथ ली। यहां संस्था संस्थापक चित्रांश, उत्कर्ष सक्सेना, जिज्ञासा और अन्य लोग मौजूद रहे।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.