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अपराधियों में कानून का खौफ पैदा करने के लिए त्वरित न्याय जरूरी

Published - Tue 18, Feb 2020

जब तक अपराधियों में कानून का खौफ नहीं होगा तब तक हम एक सुरक्षित समाज के बारे में नहीं सोच सकते। यह कहना है शिक्षिकाओं का। वह मऊरानीपुर में अपराजिता के तहत अमर उजाला के  संवाद कार्यक्रम में अपने विचार रख रहीं थीं।

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मऊरानीपुर। निर्भया के दोषियों के साथ किसी प्रकार की दया नहीं दिखाई जानी चाहिए। ऐसे दरिंदों को कहीं अपील करने का भी अधिकार नहीं होना चाहिए। ऐसे लोगों को एक भी पल जीने का अधिकार नहीं होना चाहिए। जब तक अपराधियों में कानून का खौफ नहीं होगा तब तक हम एक सुरक्षित समाज के बारे में नहीं सोच सकते। यह कहना है शिक्षिकाओं का। वह मऊरानीपुर में अपराजिता के तहत अमर उजाला के  संवाद कार्यक्रम में अपने विचार रख रहीं थीं। सभी ने कहा कि ऐसे दरिंदों को बिना किसी विलंब के फांसी दे दी जानी चाहिए।

  • दुष्कर्म के मामले में तो फांसी की सजा तुरंत होनी चाहिए। इस तरह के जघन्य केस में किसी तरह की रियायत की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। निर्भया मामले में अदालत से भी दोष सिद्ध होने के बाद भी फांसी लटक रही है। - सुरभि बिलैया, अलीआई मोहल्ला।
  • निर्भया मामले में देरी से फांसी होने से समाज में गलत संदेश जा रहा है। इस तरह के मामले में जल्द न्याय होना चाहिए। घटना के एक साल के अंदर ही दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए। - गौरी, छिपयाना।
  • न्याय में देरी न्याय न मिलने के बराबर होता है। निर्भया की मां घटना के बाद कई सालों से दोषियों को सजा देने की राह देख रही है। इसलिए इस तरह के मामलों में तो तत्काल फांसी होनी चाहिए। - पूजा सेंगर, नई बस्ती।
  • अपने अंदर भी सुधार होना चाहिए। लड़कियां सेल्फ डिफेंस के लिए कराटे सीखें और पुलिस के साथ सहयोग करें। दुष्कर्म के मामले में न्याय व्यवस्था में बदलाव कर दोषियों को जल्द फांसी का प्रावधान हो। - योजना अग्रवाल, नई बस्ती।
  • दया याचिका का तो प्रावधान ही खत्म करना चाहिए। इस तरह के मामलों के लिए स्पेशल बेंच बनाकर सुनवाई कराई जाए। सजा होने के बाद तुरंत उस पर अमल किया जाए। इसके बाद सारे विकल्प बंद किए जाएं। - पारुल मिश्रा, बाजपेयीपुरा।
  •  इस तरह का अपराध करने वालों को जल्द सख्त सजा मिले ताकि लोगों में डर पैदा हो। कोई भी इस तरह का अपराध करने से पहले सौ बार सोचे। इसी तरह से ही दुष्कर्म के मामलों में कमी आएगी। - हर्षिता मिश्रा, नईबस्ती।
  • निर्भया ही नहीं इस तरह के सारे मामलों में ऐसी सजा मिले कि दूसरे भी डर जाएं। घर में भाइयों को भी बताया जाए कि बहन की तरह की दूसरी नारियों का भी सम्मान करो। नारी है अपराजिता। - साधना नामदेव, अलीयाई मोहल्ला।
  • निर्भया कांड के बाद भी अपराध में कोई कमी नहीं आई है। इसकी वजह से अपराधियों में भय का न होना है। इसलिए इस तरह के मामलों में दोषियों को ऐसी सजा मिले कि उनमें डर पैदा हो। - साहिबा अली, गांधीनगर।
  • निर्भया मामले में तो हर बार सजा टलती जा रही है। अदालत से दोष सिद्ध होने के बाद भी उनको फांसी नहीं हो रही है। ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट से फैसला होने के बाद तुरंत फांसी होनी चाहिए। - डॉली सेंगर, नई बस्ती।
  • घर में ही मां-बाप अपने बच्चों को ऐसी शिक्षा दें कि कोई इस तरह का अपराध न करे। बेटियों की तरह बेटों पर भी नजर रखें। उनके दोस्तों के बारे में भी पता लगाएं। ताकि गलत संगत में पड़कर कोई गलत काम न करें। - हलीमा सादिया, अलीयाई।
  • जिस तरह से सऊदी अरब व अन्य खाड़ी के देशों में इस तरह के मामलों में सजा का प्रावधान है। उसी तरह यहां पर दुष्कर्मियों को बीच चौराहे पर फांसी पर लटकाया जाए। ताकि कोई ऐसा अपराध करने की न सोच सके। - फौजिया फातिमा, अलीयाई।
  • सिर्फ निर्भया ही नहीं इस तरह के सभी मामलों में जल्द सजा का प्रावधान हो। अगर किसी अपराधी पर दोष सिद्ध हो जाए तो उसे सरेआम फांसी पर लटका दिया जाए। ताकि अन्य लोगों पर भी डर पैदा हो। - जयंती वर्मा, नई बस्ती।
  • लड़कियों को भी अपने आप में सुधार लाना चाहिए। अगर कहीं बाहर निकलें तो शालीनता के साथ। आत्मरक्षा के लिए भी तैयार होना चाहिए। अपने साथ कुछ लेकर चलें जिसका मौके पर प्रयोग किया जा सके। - सृष्टि वियोगी, गांधी नगर।
  • घर में ही लड़कों को समझाया जाए कि गलत क्या है ? उनको यह बताया जाए कि जिसका लड़का ऐसा अपराध करता है उसके घरवालों को भी शर्मसार होना पड़ता है। इसलिए ऐसी गलती कभी न करें। - संध्या अग्रवाल, नईबस्ती।
  • दुष्कर्म करने वालों को ऐसी सजा दी जाए जो अपराधियों की रूह कांप उठे। दूर तक मैसेज जाए। सजा तो तत्काल ही मिलनी चाहिए। - अनीता सिंह, दुबे चौक।
  • घर में ही बच्चों को अच्छे संस्कार देने चाहिए। उनको अच्छे बुरे का ज्ञान कराना चाहिए। अगर कोई लड़कियों के साथ गलत करता है तो उसे जल्द सजा देने का भी कानून बनाया जाए। - सोनिया पटेल, गांधीनगर।