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कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता ही मूलमंत्र

Published - Mon 16, Mar 2020

अमर उजाला की ओर से अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत चिरंजीव हास्पिटल एंड नर्सिंग सेंटर में संवाद व कार्यशाला

ayodhya event

अयोध्या। अमर उजाला की अपराजिता 100 मिलियन स्माइल के तहत चिरंजीव हॉस्पिटल एंड नर्सिंग सेंटर में कोरोना को लेकर आयोजित संवाद व कार्यशाला में शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सकों ने जागरूकता ही कोरोना से बचाव का मूलमंत्र बताया। चिकित्सकों का कहना है कि हवा से कोरोना नहीं फैलता है। यह वायरल बीमारी है, यह एक दूसरे के संपर्क में आने से होता है। इसके लिए जरूरी है कि लोग हाथ मिलाने, गले लगने व बिना कार्य के किसी वस्तु को छूने से परहेज करें। खांसी, जुकाम, बुखार आने पर चिकित्सकों से राय लें। साफ-सफाई पर पूरा ध्यान रखें। हाथों की हर घंटे साबुन या सैनिटाइजर से साफ करें। खांसी आने पर बलगम टिशू पेपर पर रखकर पॉलीथिन में करके फेंके। कार्यक्रम में चिकित्सकों व नर्सिंग छात्राओं ने अपराजिता की शपथ भी ली।

साझा करें विदेश से आने वालों की जानकारी : डॉ. राजेश कुमार

चिकित्सक डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि ग्रामीण अंचलों के लोगों को सबसे अधिक सजग रहने की जरूरत है। जिला प्रशासन की ओर से जागरूकता के लिए आशा कार्यकत्रियों को ट्रनिंग दी जा रही है। ग्रामीण लोगों को चाहिए कि खांसी, बुखार व सांस लेने में तकलीफ होने पर अपने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अवश्य दिखाएं। हाथों को लगातार साफ करने रहें। खासी आने पर मुंह पर कपड़ा रखें। विशेष तौर पर विदेश से आने वालों की जानकारी प्रशासन से साझा करें।

आयुर्वेद से संभव है कोरोना का इलाज : डॉ. विष्णु

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. विष्णु बताते हैं कि वैदिक ग्रंथों में कोरोना जैसे वायरल बीमारियों से बचने का इलाज बताया गया है। वह बताते हैं कि बंसत का समय चल रहा है। आयुर्वेद में है यह कफकाल कहलाता है। इसमें खांसी, जुफाम व बुखार होना आम बात है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। गिलोय, तुलसी व कंठकारा की गोलियों का सेवन करने से सारे रोग दूर हो जाते हैं। वायरस को हटाने के लिए नीम व गूगुल के साथ हवन करना चाहिए।

मेडिकल कॉलेज में स्थापित है आइसोलेशन वार्ड : डॉ अरविंद कुमार

महर्षि राजा दशरथ मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर चिकित्सक डॉ. अरविंद कुमार बताते हैं कि कोरोना वायरल बीमारी है। यह संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से होती है। इंडिया में इसका जन्म नहीं हुआ है, इस कारण वश सिर्फ संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचना है। साथ ही सर्दी, खांसी व जुखाम होने पर चिकित्सकों से संपर्क कर राय लेने की आवश्यकता है। मेडिकल कॉलेज में एक आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया गया है। किसी भी समस्या पर लोग मेडिकल कॉलेज संपर्क कर सकते हैं।

माक्स का कोई बहुत अर्थ नहीं : डॉ. उमेश चौधरी

चिकित्सक डॉ. उमेश चौधरी का मानना है कि जो आम लोगों में भय है कि कोरोना फैल गया है। अभी तक जिले में एक भी मरीज की पुष्टि नहीं हुई है। इतना अवश्य है कि यह एक महामारी है, इसमें जागरूकता ही सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। वह बताते हैं कि माक्स लगाना कोई बहुत आवश्यक नहीं है। इनका कहना है कि मार्केट में जो माक्स मिल भी रहे हैं, उनमें एन-95 से लडऩे की क्षमता नहीं है। माक्स लगाने से चेहरा व नाक छूना पड़ता है, इससे संक्रमण और फैल सकता है।

सफर में रखें विशेष ध्यान : डां जयंती चौधरी

चिकित्सक डॉ. जयंती चौधरी का मानना है कि सिर्फ जागरूकता ही कोरोना वायरल को रोकने का कार्य करेगी। वह बताती हैं कि सफर में सफाई का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। वह बताती हैं कि सफर में तमाम लोगों के टच में आने से संक्रमण की संभावना बनती है। सफर में साबुन व सैनिटाइजर से हाथ धोते रहना चाहिए। जब तक स्थिति सामान्य न हो जाए सफर, शापिंग कॉम्पलेक्स, भीड़-भाड़ वाले इलाके में कम से कम जाना चाहिए।

हाथों को अच्छी तरह करें साफ : अंजली

जेनर्म छात्रा अंजली का कहना है कि हाथों की सफाई सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। सबसे पहले पांच बार हथेली को रगड़े, फिर पांच बार हथेली के पीछे के हिस्सों को साबुन की सहायता से मले। फिर क्रमश: पांच बार दोनों हाथों की अगुलियों को, फिर अगुलियों के नीचे बने गढ्डों को, फिर नाखून को इसके बाद कलाई को धोना चाहिए। इस प्रकार से धोने पर किसी भी प्रकार का संक्रमण हाथों से साफ हो जाता है।

विदेश की हवाई यात्रा पर पूरी तरह लगे रोक : डॉ. आरके बनौधा

चिकित्सक डॉ आर के बनौधा बताते हैँ कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कोरोना को लेकर पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। यह एक महामारी है लेकिन इसका जन्म चाइना में हुआ है। यूरोप में इसका काफी प्रभाव है। अब गल्फ देश भी इसके प्रभाव में आ गए हैं। सरकार को तुरंत चाहिए कि विदेश यात्रा पर तुरंत पूरी तरह से रोक लगा दे। कारण कि संक्रमण से बीमारी फैलेगी, यदि इंडिया में फैल जाएगी तो इसे रोक पाना बहुत मश्किल होगा।

परेशान न हो लोग लेकिन रहें जागरूक : डॉ. रविकांत वर्मा

चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. रविकांत वर्मा का कहना है कि कोरोना को लेकर जो अफवाहें चल रही हैं, उसपर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। इतना अवश्य कि जागरूक रहने की जरूरत है। आठ से 50 वर्ष के लोगों में इसकी उपलब्धता सिर्फ 0.2 प्रतिशत पाई गई है। यह आमतौर पर 50 की उम्र से अधिक व्यक्तियों पर अधिक प्रभावित होता है। बच्चों में इसका संक्रमण अब तक सबसे कम पाया गया है। पूरी दुनिया में जितने संक्रमित लोग हैं, उनमें सिर्फ दो बच्चे हैं। पहले से बीमार 50 से अधिक उम्र वाले व्यक्ति विशेष सावधानी बरतें। बच्चों को शाम के समय भाप दिलाएं। मांस-मछली के सेवन से बचें।

आंखों को सैनिटाइजर से कर सकते हैं साफ : डॉ. ओमकार गंगावार

आई चिकित्सक डॉ. ओमकार गंगावार बताते हैं कि वायरल बीमारी है। बहुत घबराने की जरूरत नहीं है। बचाव ही सबकुछ है। खांसी से पीडि़त मरीज माक्स का इस्तेमाल करें। हाथों को लगातार धोएं। फालतू वस्तुओं को छूने से बचें। यदि आखों में कोई किसी प्रकार का प्रभाव दिखता है तो सैनिटाइजर से संभाल कर धोएं। खांसी, जुखाम होने पर चिकित्सकों से सलाह लें।

हाइजिन को करें मेंटेन : अभिलाषा

जेनर्म की शिक्षका अभिलाषा का कहना है कि सबसे जरूरी यह है कि व्यक्ति अपनी हाइजिन को मेंटेन करे। बाहरी वस्तुओं को छूने से बचे। खुद भी जागरूक बने और लोगों में इसके लिए जागरूकता फैलाए। सिर्फ जागरूकता से की कोरोना से लड़ा जा सकता है। एक व्यक्ति की लापरवाही पूरे-पूरे इलाके को तबाह कर सकती है। इसलिए खांसी, जुखाम व बुखार होने पर तुरंत चिकित्सकों की सलाह लें।

ठंडी वस्तुओं के सेवन से बचें : सुमन चौरसिया

जेनर्म अध्यापिका सुमन चौरसिया का कहना है कि अब जो शोध सामने आएं हैं उनमें कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ठंडी वस्तुओं के सेवन से बिल्कुल बचना है। यहां तक कि अगर संभव हो तो पानी भी गरम पियें। कोल्ड काफी, आइसक्रीम या ऐसे फल व सब्जियों का सेवन बिल्कुल न करें जो शरीर में कफ व जुखाम का कारण बनें। बासी खाने व साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। अगर संभव हो तो रात में सोने से पहले भाप लें।

बच्चों को संक्रमण के बारे में दें जानकारी : कीर्ति चौबे

जेनर्म अध्यापिका कीर्ति चौबे का कहना है कि कोरोना के संक्रमण के लिए लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है। अभिवावकों को चाहिए कि घर में बच्चों को भी संक्रमण के बारे में व उससे बचने के उपाय बताए जाएं, जिससे बच्चे घर से बाहर निकलने पर प्रत्येक वस्तुओं को छूने से परहेज करें। इससे लोगों में जागरूकता आएगी