अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत ‘महिला शक्ति कैसे बढ़े और कानून की सार्थकता’ विषय पर हुए संवाद में प्रबुद्ध महिलाओं ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा के लिए लगातार कानून बनाए जा रहे हैं। इसकी सार्थकता तभी है, जब शिकायतों का समाधान जल्द हो और महिलाएं प्रताड़ना का कड़ा जवाब दें।
पीडीडीयू नगर (चंदौली)। रविनगर स्थित एक आवास पर रविवार को अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत ‘महिला शक्ति कैसे बढ़े और कानून की सार्थकता’ विषय पर संवाद का आयोजन हुआ। इसमें प्रबुद्ध महिलाओं ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा के लिए लगातार कानून बनाए जा रहे हैं। इसकी सार्थकता तभी है, जब शिकायतों का समाधान जल्द हो और महिलाएं प्रताड़ना का कड़ा जवाब दें।
लता बंसल ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर सरकार की रणनीति ठीक है, लेकिन इसका लाभ लेने के लिए महिलाओं को सशक्त होना होगा। थानों में महिला हेल्प डेस्क खोले जाने से महिलाओं और किशोरियों को शिकायत करने के लिए उचित प्लेटफार्म मिल गया है। अब महिलाओं की शिकायतों का जल्द समाधान करने की जरूरत है। कानून बनाने के साथ-साथ सामाजिक नजरिए को भी बदलने की जरूरत है। मारवाड़ी महिला समिति की अध्यक्ष साधना अग्रवाल और शशि अग्रवाल ने कहा कि महिला हेल्प डेस्क का व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए। जब ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इसकी जानकारी होगी, तभी वे अपनी शिकायतों का समाधान कराने आएंगी। ऐसा होने पर ही यह व्यवस्था सार्थक हो सकेगी। कहा कि महिलाओं को बराबरी का हक देने की शुरुआत घर से ही करने की जरूरत है। ज्योति अग्रवाल और कृष्णा अग्रवाल ने कहा कि नियम व कानून का फायदा लोग तभी उठा पाएंगे, जब उनको इसकी जानकारी होगी। इसके लिए जरूरी है कि नियमों-कानूनों का प्रचार-प्रसार हो। महिलाओं को यह बताया जाए कि उनके हित में यह कानून बनाया गया है और वे जरूरत के समय इसकी मदद ले सकती हैं। इसके साथ-साथ महिलाओं का शिक्षित होना भी जरूरी है। सभासद निधि तिवारी ने कहा कि बेटियों को शिक्षित करने के साथ हमेशा उनका हौसला बढ़ाना चाहिए। शिक्षित होने पर ही बेटियां और महिलाएं कानूनों का लाभ ले पाएंगी। वे अपने साथ होने वाले अन्याय का विरोध कर पाएंगी। आयोजन में 10 महिलाओं ने भागीदारी की।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.