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दृढ़ संकल्प लेकर महिलाएं हासिल करें कामयाबी

Published - Thu 27, Feb 2020

महिलाएं अगर किसी बात को करने की ठान लें तो उसे पूरा करके ही दम भरती हैं। इसलिए आज की महिलाओं और युवतियों को ऐसी महिलाओं को अपनी प्रेरणा मानकर जीवन में लक्ष्य की प्राप्त करना चाहिए।

Chamba Collage

चंबा। दृढ़ संकल्प लेकर महिलाएं किसी भी मुकाम को हासिल कर सकती हैं। अरुणिमा सिन्हा ने दोनों टांगे कटने के बावजूद भी एवरेस्ट की चोटी को फतेह किया, क्योंकि उनके मन में ऐसा करने का दृढ़ संकल्प था। इसी तरह अन्य महिलाएं भी दृढ़ संकल्प लेकर जीवन में आगे बढ़ सकती हैं। यह बात चंबा कॉलेज में अमर उजाला के अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स कार्यक्रम में छात्राओं को संबोधित करते हुए सदर थाना प्रभारी प्रशांत ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि महिलाएं अगर किसी बात को करने की ठान लें तो उसे पूरा करके ही दम भरती हैं। इसलिए आज की महिलाओं और युवतियों को ऐसी महिलाओं को अपनी प्रेरणा मानकर जीवन में लक्ष्य की प्राप्त करना चाहिए।

सोशल मीडिया पर हो रहे अपराधों से रहें सावधान : आदर्श राजेंद्रम

कार्यक्रम के बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने वाले प्रोवेशनर आईपीएस आदर्श राजेंद्रम ने छात्राओं को फेसबुक और व्हाटसएप पर हो रहे अपराधों के बारे में जानकारी दी। साथ ही इन अपराधों का शिकार होने से बचने के लिए विशेष टिप्स दिए। उन्होंने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि दहेज प्रथा समाज की सबसे बड़ी बुराई है। इसलिए इस बुराई से लड़ने के लिए सभी महिलाओं को एकजुट होना होगा। युवतियों को शादी के समय दहेज देने को लेकर आवाज उठानी चाहिए। अगर लड़के वाले दहेज की जिद करें तो उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाएं। इससे दहेज के लालचियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। उन्होंने छात्राओं को क्राइम फ्री हिमाचल ऐप के बारे में भी जानकार दी। इस ऐप के जरिये किसी भी अपराध की सूचना पुलिस को दी जा सकती है। सूचना देने वाले का नाम भी गोपनीय रहता है। उन्होंने कहा कि वे अपनी कोई भी जानकारी फेसबुक और व्हाट्स ऐप पर अंजान व्यक्ति के साथ साझा न करें।

  • चाइल्ड लाइन समन्वयक कपिल शर्मा ने छात्राओं को पॉक्सो एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही बाल विवाह के बारे में भी छात्राओं को अवगत करवाया। साथ ही इस बुराई के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को चाइल्ड लाइन चंबा के बारे में जानकारी प्रदान की।

 

  • कॉलेज प्राचार्य डॉ. शिव दयाल ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि पढ़ाई से बड़ी से बड़ी कामयाबी को हासिल किया जा सकता है। छात्रों को स्कूल और कॉलेज में मन लगाकर पढ़ाई करनी चाहिए। पढ़ाई के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में भी भाग लेते रहना चाहिए। इससे छात्रों में ज्ञानवर्धक होता है। इसके अलावा कॉलेज के प्रो. अविनाश ने भी छात्राओं का मार्गदर्शन किया।


महिलाओं का जागरूक होना सबसे बड़ी जरूरत

जागरूकता के अभाव में अकसर महिलाएं अपने साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाती। महिलाओं को जागरूक होना आज के समय में जरूरत है। अपराजिता कार्यक्रम की सराहना करते हुए चंबा कॉलेज की छात्राओं ने यह बातें कहीं। छात्राओं का कहना है कि यह कार्यक्रम एक बेहतर पहल है।
बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा भारती का कहना है कि अमर उजाला का कार्यक्रम एक बेहतर पहल है। इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में भी होते रहने चाहिए। जिससे महिलाओं और युवतियों को उनके अधिकारों की जानकारी मिल सके।

  • बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा रुख्साना ने कहा कि महिला उत्थान के लिए जागरूकता शिविरों का होना जरूरी है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसी कवायद होनी चाहिए। जिससे महिलाएं सशक्त हो सकें।
  • बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा फिजा ने कहा कि कॉलेज में आयोजित हुए इस कार्यक्रम से उन्हें अपने अधिकारों बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। इसके साथ ही चाइल्ड लाईन संस्था के कार्यों को भी उन्होंने जाना है।
  • मीनाक्षी का कहना है कि सरकार भी महिला सशक्तीकरण के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करवाती है। महिलाएं सशक्त होकर ही किसी भी कामयाबी को हासिल कर सकती हैं।  
  • पूजा ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में बारीकी से जानने का मौका मिला। यह जानकारियां भविष्य में उनके जीवन में काफी महत्वपूर्ण साबित होंगी।
  • अल्पना का कहना है कि आज के समय में कई संस्थाएं महिला सशक्तीकरण के लिए कार्य कर रही हैं। जो एक सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि सरकार भी इस मामले का लेकर काफी गंभीर है।
  • बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा अनु का कहना है कि इस कार्यक्रम के जरिये उन्हें ड्रग फ्री ऐप में किस तरह नशे के सौदागरों की शिकायत कर सकते हैं, के बारे में भी जानकारी मिली। इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी मिली हैं।
  • बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा पूजा का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं है, जिससे वह इनसे वंचित रह जाती हैं। इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में भी होने चाहिए, ताकि महिलाएं जागरूक हो सकें।
  • बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा ईशा ने कहा कि अधिकतर महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी ही नहीं है। इसके चलते महिलाएं अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद नहीं कर पाती हैं। महिलाओं को इस बारे में जागरूक किया जाना जरूरी है।
  • बीएससी द्वितीय वर्ष मधु ने बताया कि वर्तमान का यु इंटरनेट का है। पुलिस विभाग भी इसको देखते हुए लोगों को साइबर क्राइम से बचाव को लेकर जागरूक कर रहा है। यह महत्वपूर्ण विषय है।
  • बीए तृतीय वर्ष की छात्रा दीया शर्मा ने कहा कि चंबा में बाल विवाह के कई मामले सामने आ रहे हैं। इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों से बाल विवाह जैसी कुरीतियों पर अंकुश लगाया जा सकता है।