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निडर होकर उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाएं

Published - Fri 21, Feb 2020

छात्र-छात्राएं पुलिस को मित्र समझकर समस्याएं साझा करें। किसी भी मुश्किल पल में पुलिस मदद के लिए आपके करीब पहुंचेगी। पुलिस की पाठशाला के मंच पर जेल अधीक्षक मिजाजी लाल और चोपन थाना प्रभारी नवीन तिवारी ने पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर विद्यार्थियों का भ्रम दूर करते हुए यह भरोसा दिलाया।

police ki pathshala

सोनभद्र। छात्र-छात्राएं पुलिस को मित्र समझकर समस्याएं साझा करें। निडर होकर उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाएं। किसी भी मुश्किल पल में पुलिस को याद करें, वह मदद के लिए आपके करीब पहुंचेगी। बृहस्पतिवार को पुलिस की पाठशाला के मंच पर जेल अधीक्षक मिजाजी लाल और चोपन थाना प्रभारी नवीन तिवारी ने पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर विद्यार्थियों का भ्रम दूर करते हुए यह भरोसा दिलाया।
जय ज्योति इंटर कालेज गुरमा में अपराजिता 100 मिलियन स्माइल के तहत पुलिस की पाठशाला का आयोजन हुआ। इसमें जेल अधीक्षक मिजाजी लाल और विशिष्ट अतिथि चोपन थानाध्यक्ष नवीन तिवारी ने कहा कि कि छात्राएं खुद की सुरक्षा के लिए मिर्ची स्प्रे साथ रखें। बताया कि महिला संबंधी किसी भी समस्या के समाधान के लिए 1090 और 181 हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत की गई है। अगर किसी छात्रा या महिला को बाजार और अन्य जगहों पर आने-जाने के दौरान कोई परेशान करता है तो तत्काल  परिजनों तथा नजदीक के थाने और पुलिस चौकी को सूचना दें। चोपन थानाध्यक्ष ने कहा कि  मारपीट समेत अन्य घटनाओं की सूचना 112 नंबर पर दी जा सकती है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे पिता और भाइयों को दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट लगाने और चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट लगाने के लिए प्रेरित करें। गुरमा चौकी प्रभारी जय शंकर राय ने कहा कि अराजक तत्वों और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए भयमुक्त वातावरण प्रदान करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य द्विजेंद्र नाथ मिश्र और संचालन गोपाल कृष्ण मिश्र ने किया। शिक्षक अरविंद कुमार राय, कुंवर असमंजस प्रताप, संत शुक्ला, कौशिक गुप्ता, विकास तिवारी, दीनानाथ मिश्रा, श्याम राज, सौरभ श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। इस दौरान 300 से अधिक छात्राएं मौजूद थीं।

छात्राओं के सवालों के दिए जवाब
सवाल :
सुनसान जगहों पर अगर किसी महिला को कोई परेशान करता है तो वह खुद की सुरक्षा कैसे करेंगी-  शिखा, अमीषु। 
जवाब : जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया कि इस दौरान हिम्मत से काम लेते हुए सामने वाले को धक्का देकर गिरा देना चाहिए। फिर तेज आवाज लगाते हुए भागने की कोशिश करनी चाहिए। शोर-शराबा सुनकर कोई न कोई मदद के लिए पहुंच जाएगा। 
सवाल : सड़क हादसे में घायल समेत अन्य पीड़ितों की मदद करने वालों से ही पुलिस पूछताछ करने लगती है, इसलिए लोग सहयोग करने से डरते हैं। ऐसी स्थिति क्यों है- राधेश्याम और विशाल केशरी। 
 जवाब : गुरमा चौकी प्रभारी जय शंकर राय ने बताया कि पीड़ितों की मदद करने वालों से पूछताछ नहीं की जाती है। इसलिए हर व्यक्ति निडर होकर पीड़ितों की मदद करे।
 सवाल : पुलिस के प्रति लोगों के मन में जो भय है, वह कैसे दूर होगा-  ज्योति यादव और नेहा। 
जवाब : चोपन थाना प्रभारी ने बताया कि अब पुलिस के कार्य करने का तरीका बदल गया है। पुलिस जनता के करीब और जनता पुलिस के करीब पहुंच गई है। पीड़ित व्यक्ति की तत्काल मदद की जाती है।