पुलिस प्रशासन की लाख कवायद और कानूनों के बाद भी महिलाओं के प्रति अपराध हो रहे हैं। इसमें कुछ बल सिर्फ महिलाओं के चुप रहने से अपराधियों को मिलता है। महिलाओं को सुरक्षित रहने के लिए महिलाओं को झिझक छोड़कर पुलिस से शिकायत करने को आगे आना होगा।
बस्ती। सच छिपाने और सूचना नहीं देने से अपराध बढ़ता है। यदि महिलाएं झिझक तोड़कर बेबाकी से अपनी बात पुलिस को बताएं तो अपराध पर भी नियंत्रण लगाने में सहयोग मिलेगा। इसके अलावा साइबर क्राइम भी बढ़ा है, जिस पर तत्काल सूचना देने की जरूरत है। यह कहना है रुधौली के प्रभारी निरीक्षक रामपाल यादव का। वह बतौर मुख्य अतिथि बृहस्पतिवार को अपराजिता के तहत आयोजित महिला सुरक्षा एवं साइबर क्राइम पर जागरूकता संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
रुधौली के टीएम बीटीसी कॉलेज परिसर में अमर उजाला फाउंडेशन की अपराजिता मुहिम में प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि सरकार और पुलिस प्रशासन की लाख कवायद और कानूनों के बाद भी महिलाओं के प्रति अपराध हो रहे हैं। इसमें कुछ बल सिर्फ महिलाओं के चुप रहने से अपराधियों को मिलता है। कहा कि सुरक्षित रहने के लिए महिलाओं को झिझक छोड़कर पुलिस से शिकायत करने को आगे आना होगा। बढ़ते साइबर क्राइम पर बताया कि किसी भी को अपने एटीएम कार्ड से संबंधित कोई भी जानकारी मोबाइल फोन पर पूछने वालों को न दें। यदि ऐसा होता है तो तत्काल पुलिस को सूचित करें। महिला हेल्पलाइन 1090, और डॉयल 100 के बारे में जानकारी दी। वहीं, विशिष्ट अतिथि धनसीरा देवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आरपी शुक्ला ने अपराजिता को परिभाषित किया। कॉलेज के प्राचार्य बृजेश कुमार द्विवेदी ने कहा कि हमारे समाज में महिलाओं को जागरूक करने के लिए इस तरह के अनेक कार्यक्रम होते रहते हैं, लेकिन उन कार्यक्रमों में दिए गए संदेश का असर बस उन कार्यक्रमों तक ही सीमित रह जाता है। छात्रा प्रिया मिश्रा ने अपराधियों का विरोध करने, आसपास के महिलाओं को इसके प्रति जागरूक करने की बात कही। छात्रा पूजा गुप्ता, शशि पांडेय ने प्रभारी निरीक्षक से महिला सुरक्षा से संबंधित विषयों पर सवाल भी पूछे। इस दौरान आरसी सुमन, अमन सेन यादव, प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव, रवि प्रकाश, कुमारी शबनम आदि उपस्थित रहे।
महत्वपूर्ण जानकारी दी गई: शबनम
प्राचीन इतिहास की प्रवक्ता शबनम ने कहा कि छात्राओं के लिए ऐसे कार्यक्रम बेहद उपयोगी होते हैं। 1090 या डॉयल 100 पर फोने करने वाले का परिचय पूरी तरह गुप्त रहेगा। बहुत सी महिलाएं इस बात को नहीं जानतीं। उन्हें लगता है कि कहीं थाने पर बुलाकर पूछताछ न की जाए।
अगले को भी जागरूक करेंगे: प्रिया मिश्रा
टीएम बीटीसी कॉलेज की छात्रा प्रिया मिश्रा का कहना है कि साइबर क्राइम पर विशेष जानकारी हुई है। खासकर एटीएम कार्ड की जालसाजी के संबंध में जो जानकारी दी गई, वह सबके लिए लाभप्रद है। हमें ऐसी सीख या जागरूकता अगले को भी देनी चाहिए। ताकि वे फ्रॉड का शिकार न हों।
अनोखी पहल है अपराजिता: शशि
कॉलेज की छात्रा शशि पांडेय अपराजिता मुहिम के ऐसे कार्यक्रमों से काफी प्रभावित हुईं। कहतीं हैं कि प्राचार्य डॉ आरपी शुक्ला ने नारी शक्ति के प्रति विशेष जानकारियां दीं। ऐसे कार्यक्रमों से मनोबल बढ़ता है। महिलाओं पर होने वाले अपराधों पर अंकुश लगेगा। हम अपराजिता जरूर बनेंगे।
जागरूकता कार्यक्रम जरूरी: पूजा गुप्ता
समाज में महिलाओं के प्रति लगातार बढ़ रहे अपराध, शोषण व सोशल मीडिया पर अश्लील टिप्पणियां मनोबल को तोड़ती हैं। साइबर क्राइम के बारे में ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों से महिलाओं में साहस आएगा। आत्मबल से आगे बढ़कर स्वयं को अपराजिता के रूप में स्थापित कर पाएंगी।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.