श्री मुरारीलाल माहेश्वरी स्मृति वाद-विवाद प्रतियोगिता में नेहा को प्रथम स्थान
सोनभद्र। अमर उजाला फाउंडेशन की तरफ से 19 जुलाई को विंध्य कन्या पीजी कालेज राबर्ट्सगंज में आयोजित श्री मुरारीलाल माहेश्वरी स्मृति राष्ट्रीय वाद-विवाद प्रतियोगिता में एक देश एक चुनाव विषय पर छात्राओं ने अपनी राय रखी। कई छात्राओं ने जहां बार-बार चुनाव को देश की तरक्की में बाधक बताया। वहीं इसको लागू करने में आने वाली व्यवहारिक और तकनीकी दिक्कतें भी गिनाईं। इसमें प्रथम विजेता को पांच हजार, द्वितीय को तीन हजार, तृतीय को दो हजार और सांत्वना पुरस्कार के रूप में दो छात्राओं को एक एक हजार रुपये दिए गए।
निर्णायक मंडल की भूमिका साहित्यकार अजयशेखर, डायट प्राचार्य डा. राजेंद्र प्रसाद, विंध्य कन्या पीजी कालेज की प्राचार्य अंजली विक्रम सिंह, ईश्वर प्रसाद महाविद्यालय के प्राचार्य विमलेश त्रिपाठी ने निभाई। अजयशेखर ने सराहना करते हुए कहा कि एक देश एक चुनाव और इसमें आने वाली व्यवहारिक-तकनीकी दिक्कत पर बेहतर तरीके से अपना पक्ष रखा। कहा कि चुनावी प्रणाली भी दूषित है, सुधार की भी पहल होनी चाहिए। डायट प्राचार्य राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि इस तरह के आयोजन प्रतिभा निखार में सहायक होते हैं। अंकों और प्रदर्शन के आधार पर नेहा पांडेय को प्रथम, खुशबू को द्वितीय और शिवांगी मिश्रा को तृतीय पुरस्कार दिया गया। पूजा और रश्मि आजाद को सांत्वना पुरस्कार मिला। देविका, अंजली उपाध्याय, पूर्णिमा निगम, मोना भट्टाचार्या, मोना पांडेय, अनुपमा पाठक की भी सराहना की गई। प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाली छात्राएं अमर उजाला की तरफ से होने वाली मंडल स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग का मौका मिलेगा। इससे पूर्व दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। अजय विक्रम सिंह आदि मौजूद रहे।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.