प्रतियोगिता में विभिन्न कॉलेजों से आए छात्र-छात्राओं ने ‘देशहित में एक देश एक चुनाव’ विषय पर अपने-अपने विचार रखे
पीडीडीयू नगर। अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से श्री मुरारी लाल माहेश्वरी स्मृति वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन 20 जुलाई को नगर पालिका इंटर कॉलेज के वीर अब्दुल हमीद सभागार में किया गया। इसमें जिले के विभिन्न कॉलेजों से आए छात्र-छात्राओं ने ‘देशहित में एक देश एक चुनाव’ विषय पर अपने-अपने विचार रखे। इसमें मां खंडवारी पीजी कॉलेज के कैश खां ने प्रथम स्थान हासिल किया। एसआरवीएस की कीर्ति तिवारी द्वितीय और राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी पीजी कॉलेज के जनार्दन शर्मा तीसरे स्थान पर रहे। मां खंडवारी पीजी कॉलेज के अविनाश और एसआरवीएस सिकंदरपुर की शिखा सिंह को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। इस आयोजन में विभिन्न कालेजों के 36 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ निर्णायक मंडल में शामिल एलबीएस डिग्री कॉलेज के डॉ. अनिल यादव, सकलडीहा पीजी कॉलेज के डॉ. एके उपाध्याय और नगर पालिका इंटर कॉलेज के योगेश सिंह और नपा इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. महेंद्र कुमार पांडेय ने किया। प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने दमदारी से पक्ष और विपक्ष में अपनी बातें रखीं। पक्ष के छात्रों ने कहा कि भारत को चुनावों का देश भी कहा जा सकता है। शायद ही कोई समय हो जब देश के किसी कोने में चुनाव न हो रहा हो। लोकसभा, विधान सभा, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, सहकारी संघ का चुनाव और यूनियनों के चुनाव होते रहते हैं। चुनाव में बड़े पैमाने पर धन खर्च होता है और मानव संसाधन भी लगते हैं। इससे देश का विकास बाधित होता है। यदि लोकसभा और विधान सभाओं के चुनाव एक साथ हों तो धन और समय दोनों की बचत होगी। इसका उपयोग देश के विकास में होगा। वहीं, विपक्ष में छात्रों ने कहा कि भारत विशाल देश है। यहां प्रत्येक राज्यों का मौसम, भाषा और परिस्थितियां अलग हैं। विधान सभा चुनाव और लोक सभा के चुनाव के मुद्दे अलग होते हैं। यही लोकतंत्र की आत्मा भी है। एक देश एक चुनाव लोकतंत्र की आत्मा से खिलवाड़ होगा। यह सही बात है कि चुनावी व्यवस्था में खामियां है, जिनमें सुधार किया जाना चाहिए लेकिन इसे बदलना बेमानी होगा।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.