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श्री मुरारी लाल माहेश्वरी स्मृति वाद-विवाद प्रतियोगिता, कैश खान ने मारी बाजी

Published - Mon 22, Jul 2019

प्रतियोगिता में विभिन्न कॉलेजों से आए छात्र-छात्राओं ने ‘देशहित में एक देश एक चुनाव’ विषय पर अपने-अपने विचार रखे

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पीडीडीयू नगर। अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से श्री मुरारी लाल माहेश्वरी स्मृति वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन 20 जुलाई को नगर पालिका इंटर कॉलेज के वीर अब्दुल हमीद सभागार में किया गया। इसमें जिले के विभिन्न कॉलेजों से आए छात्र-छात्राओं ने ‘देशहित में एक देश एक चुनाव’ विषय पर अपने-अपने विचार रखे। इसमें मां खंडवारी पीजी कॉलेज के कैश खां ने प्रथम स्थान हासिल किया। एसआरवीएस की कीर्ति तिवारी द्वितीय और राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी पीजी कॉलेज के जनार्दन शर्मा तीसरे स्थान पर रहे। मां खंडवारी पीजी कॉलेज के अविनाश और एसआरवीएस सिकंदरपुर की शिखा सिंह को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। इस आयोजन में विभिन्न कालेजों के 36 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ निर्णायक मंडल में शामिल एलबीएस डिग्री कॉलेज के डॉ. अनिल यादव, सकलडीहा पीजी कॉलेज के डॉ. एके उपाध्याय और नगर पालिका इंटर कॉलेज के योगेश सिंह और नपा इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. महेंद्र कुमार पांडेय ने किया। प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने दमदारी से पक्ष और विपक्ष में अपनी बातें रखीं। पक्ष के छात्रों ने कहा कि भारत को चुनावों का देश भी कहा जा सकता है। शायद ही कोई समय हो जब देश के किसी कोने में चुनाव न हो रहा हो। लोकसभा, विधान सभा, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, सहकारी संघ का चुनाव और यूनियनों के चुनाव होते रहते हैं। चुनाव में बड़े पैमाने पर धन खर्च होता है और मानव संसाधन भी लगते हैं। इससे देश का विकास बाधित होता है। यदि लोकसभा और विधान सभाओं के चुनाव एक साथ हों तो धन और समय दोनों की बचत होगी। इसका उपयोग देश के विकास में होगा। वहीं, विपक्ष में छात्रों ने कहा कि भारत विशाल देश है। यहां प्रत्येक राज्यों का मौसम, भाषा और परिस्थितियां अलग हैं। विधान सभा चुनाव और लोक सभा के चुनाव के मुद्दे अलग होते हैं। यही लोकतंत्र की आत्मा भी है। एक देश एक चुनाव लोकतंत्र की आत्मा से खिलवाड़ होगा। यह सही बात है कि चुनावी व्यवस्था में खामियां है, जिनमें सुधार किया जाना चाहिए लेकिन इसे बदलना बेमानी होगा।

  • यह सराहनीय प्रयास है। अमर उजाला संस्थान इसके लिए बधाई का पात्र है। युवा अपने अधिकारों के साथ देश के समस्याओं पर खुलकर विचार रखने में समर्थ हैं। किसी भी मुद्देे पर सार्थक बहस होनी चाहिए। -डॉ. महेन्द्र कुमार पांडेय, प्रधानाचार्य नपा इंटर कालेज।
  • आयोजन का निर्णायक बनकर अच्छा लगा।  मुझे युवाओं की सोच और उनके ज्ञान के स्तर का मूल्यांकन करने का मौका मिला। सभी वक्ताओं ने एक से बढ़कर एक विचार प्रस्तुत किए। यह भविष्य के लिए अच्छा है। -डॉ. अनिल यादव, पूर्व प्राचार्य एलबीएस डिग्री कालेज
  • किसी भी प्रतियोगिता में छात्रों के लिए दो विकल्प होता है। चाहे तो वे प्रतियोगिता में भाग लें अथवा प्रतियोगिता छोड़ कर भाग लें। युवाओं ने प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया और दमदारी से अपनी बात रखी। यही महत्वपूर्ण बात है। जीत हार तो होती रहती है लेकिन इसमें भाग लेने पर जो ज्ञान मिला उसका कोई सानी नहीं हो सकता। यह भविष्य की राह खोलेगा। -डॉ. योगेश सिंह, प्रवक्ता, नगर पालिका इंटर कालेज
  • भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। भारतीय संविधान में ऐसी व्यवस्था की गई है कि कोई नियम लोगों के निर्णय से बदल सकते हैं। यहां बहुमत का सम्मान होता है। एक देश एक चुनाव पर देश भर में चर्चा हो रही है। देश का भविष्य युवाओं के हाथ में है। किसी भी गंभीर मुद्दे पर युवाओं की राय बहुत जरूरी है। इसी दिशा में आज युवाओं ने अच्छी बहसबाजी की। पक्ष और विपक्ष ने दोनों अपनी अपनी बात रखी है। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। -डॉ. एके उपाध्याय, सकलडीहा पीजी कालेज