करीब 10 महाविद्यालयों से 20े प्रतिभागियों ने पक्ष और विपक्ष में अपने विचार व्यक्त किए। इसमें श्वेता यादव ने प्रथम स्थान, वैभव शर्मा ने द्वितीय तथा जनमेजय चौरसिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
गाजीपुर। अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से शुक्रवार को शहर से सटे सत्यदेव डिग्री कालेज बोरसिया में श्री मुरारीलाल माहेश्वरी स्मृति राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता (विचार प्रवाह) का आयोजन किया गया। इसमें प्रतिभागियों के लिए ‘मीडिया स्वतंत्र होने की बजाय राजनीति से प्रेरित है’ विषय रखा गया था। इस दौरान करीब 10 महाविद्यालयों से 20े प्रतिभागियों ने पक्ष और विपक्ष में अपने विचार व्यक्त किए। करीब तीन घंटे तक चले इस प्रतियोगिता के तीन सदस्यीय निर्णायक मंडल ने परिणाम की घोषणा की। इसमें श्वेता यादव ने प्रथम स्थान, वैभव शर्मा ने द्वितीय तथा जनमेजय चौरसिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। अंकिता मौर्या और सुधीर कुमार राय को सांत्वना पुरस्कार 1000-1000 नगद धनराशि से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिलाधिकारी के. बालाजी तथा कालेज के प्रबंध निदेशक डा. सानंद सिंह ने किया। इस मौके पर स्मृति चौरसिया, अनामिका राय और अंतिका वर्मा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया। प्रतियोगियों ने निर्णायक मंडल के समक्ष रखे बाक्स से पर्ची निकाल बारी-बारी से पक्ष अथवा विपक्ष में अपनी बात रखी। पक्ष में बोलते हुए कई छात्रों ने कहा कि आज मीडिया पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित हो चुकी है। मीडिया अधिकतर बातें सत्ता पक्ष को ध्यान में रख कर परोसती है। यह चौथा स्तंभ और समाज का दर्पण है, लेकिन ज्यादातर अखबार और चैनल आज बिक गए हैं। शक्तिशाली नेताओं और पार्टियों के दबाव में अधिकतर चैनलों तथा अखबारों को खरीद रखा है। पहले मीडिया नेताओं के घोटाले और काले कारनामों को उजागर करती थी, अब वह उनकी गुणगान करती रहती है। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, गरीबी जैसे मुद्दे पर अक्सर लोग मौन रहते हैं तथा नेताओं का महिमामंडन करते हैं। अगर मीडिया अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेगी तो देश को विश्वगुरु होने का सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा।
विषय के विपक्ष में बोलते हुए प्रतिभागियों ने कहा कि आज मीडिया ही वह सशक्त माध्यम है जिसके चलते हमें गांव-गिरांव से लेकर विदेश और अंतरिक्ष तक की खबरें आसानी से मिल जाती हैं। आज भी मीडिया हर क्षेत्र में अपनी अच्छी भूमिका निभा रही है। ऐसी घटनाएं और घोटाले हैं, जो मीडिया की वजह से ही उजागर हो रहे हैं। राजनीति पर अंकुश लगाने का काम शुरू से ही किया जाता रहा है। कलम में इतनी ताकत होती है कि सत्ता परिवर्तन तक हो जाता है। हम युवाओं के भविष्य का जिम्मेदार कौन है और हमें अपना हक किससे मांगना चाहिए, यह बात भी मीडिया ही बताता है। विजेताओं को विशिष्ट अतिथि उपजिलाधिकारी सत्यप्रिय सिंह ने तथा प्रबंध निदेशक ने पुरस्कार वितरित किया। निर्णायक मंडल में जिला समाज कल्याण अधिकारी जितेन्द्र मोहन शुक्ल, जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी नरेन्द्र विश्वकर्मा, सत्यदेव डिग्री कालेज के प्राचार्य सुनील कुमार सिंह रहे। वेलफेयर क्लब के अध्यक्ष डा. शरद कुमार वर्मा ने सफल संचालन किया। अंत में राष्ट्रगान कर समापन की घोषणा की गई। इस मौके पर कालेज के दिग्विजय उपाध्याय, श्याम कुमार, डा. विजय प्रताप सिंह, अमित रघुवंशी, डा. आलोक मिश्रा आदि ने सराहनीय भूमिका निभाई।
इस दौरान जिलाधिकारी के बालाजी ने कहा कि काफी रुचिकर, संवेदनशील और महत्वपूर्ण विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता कराई जा रही है। प्रतिभागी पक्ष या विपक्ष में खुलकर बोलेंगे तो उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। इस तरह के आयोजन से प्रतिभा में निखार आता है। हम अमर उजाला अखबार की भूरि-भूरि प्रसंशा करते हैं कि उनके द्वारा ऐसी प्रतियोगिता जनपद में कराई जा रही है। इसमें प्रतिभागी का न केवल रिजल्ट तत्काल घोषित किया गया, बल्कि उनको नगद इनाम भी दिया गया है। इससे छात्र/छात्राओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
प्रबंध निदेशक डॉ. सानंद सिंह ने कहा कि यह अच्छी बात है कि ‘अमर उजाला ’परिवार ने इतना बड़ा आयोजन कराया। इस वाद-विवाद प्रतियोगिता के लिए छात्रों के सर्वांगीण विकास में मदद मिलेगी। सत्यदेव ग्रुप आफ कालेजेज ने भी गरीब और होनहार छात्रों के सपनों को पंख लगाने के लिए नि:शुल्क पढ़ाने का वीणा उठाया है।
उपजिलाधिकारी सत्यप्रिय सिंह ने कहा कि इतने बड़े मंच के डायस से बोलना भी बहादुरी ही है। इससे भीतर का डर समाप्त हो जाता है। ऐसे मंचों और प्रतियोगिताओं में आने से कभी घबराना नहीं चाहिए। पुरस्कार मनोबल बढ़ाने के लिए होता है, लेकिन एकबार आत्मविश्वास जग गया तो वह नौकरी, बिजनेस, खेती हर जगह काम करता है।
निर्णायक मंडल ने सराहा
गाजीपुर। अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से आयोजित जिलास्तरीय श्री मुरारीलाल माहेश्वरी स्मृति राष्ट्रीय वाद विवाद प्रतियोगिता- विचार प्रवाह की निर्णायक मंडल ने भी खूब सराहना की। जिला समाज कल्याण अधिकारी जितेन्द्र मोहन शुक्ल ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से बच्चों को प्रेरणा मिलती है। वाकपटुता आती है तथा गलत और सही का निर्णय करने की क्षमता विकसित होती है। जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी नरेन्द्र विश्वकर्मा ने कहा कि इस प्रकार के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा कराने से ज्ञान बढ़ता है। देश दुनिया को समझने में आसानी होती है। इस प्रकार के आयोजन सराहनीय है। इसी प्रकार सत्यदेव डिग्री कालेज के प्राचार्य सुनील कुमार सिंह ने कहा कि इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है। पुरस्कार पाने से उनमें उत्सुकता जागृत होती है।
इन्होंने किया प्रतिभाग
नीतू सिंह, श्वेता यादव, अंकिता मौर्या, अंजलि यादव, किरन बिंद, निशा वर्मा, आदिती गोड़, सुधीर कुमार राय, आंचल आनंद, जनमेजय चौरसिया, वैभव शर्मा, शाश्वती मिश्रा, अरविंद कुमार, स्मृति चौरसिया, अनामिका राय, अंतिका वर्मा, सुनील कुमार, गोविंद कृष्ण, सूरज प्रताप सिंह, राजेश यादव, स्वेतांगना कुशवाहा, देवसरन सिंह यादव।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.