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छात्राओं ने कानूनी-दांव पेचों के साथ सीखे साइबर ठगी से बचाव का उपाय

Published - Fri 30, Aug 2019

प्रताप विहार स्थित सीएसएचपी स्कूल में हुआ अपराजिता कार्यक्रम, हर अपराध के लिए आईपीसी और सीआरपीसी में सजा का प्रावधान

aparajita sanwad

गाजियाबाद। प्रताप विहार सेक्टर-11 स्थित सीएसएचपी पब्लिक स्कूल में बुधवार सुबह अमर उजाला की ओर से अपराजिता 100 मिलियंस स्माइल के तहत छात्राओं को कानून के प्रति जागरूक करने का कार्यक्रम आयोजित हुई। इसमें गाजियाबाद कोर्ट की वरिष्ठ महिला अधिवक्ता ने छात्राओं को कानूनी दांव पेच की बारीकी से जानकारी दी। इसके साथ ही कार्यक्रम में आए साइबर एक्सपर्ट ने भी ठगी से बचने के उपाय छात्राओं को दिए।

सुबह साढ़े नौ बजे से आयोजित हुए कार्यक्रम में वरिष्ठ महिला अधिवक्ता अंजना शर्मा ने स्कूल की छात्राओं को आईपीसी और सीआरपीसी के धाराओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आईपीसी की 511 धाराओं में महिलाओं व बच्चियों के लिए विशेष कानून का प्रावधान बनाया गया है। इसके तहत किसी भी महिला को इंसाफ मिलता है। उन्होंने बताया कि कानून में हर अपराध के लिए सजा तय की गई है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति अपराध करने की कोशिश भी करता है तो उसे सजा मिलने का प्रावधान आईपीसी की धाराओं में बनाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1862 में बनी आईपीसी की धाराओं में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं। जैसे दिल्ली के निर्भया केस के बाद रेप और छेड़छाड़ की धाराओं में सजा का बदलाव हुआ। उन्होंने बताया कि अगर कोई सड़क पर खड़ा होकर लड़कियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी भी करता है तो वह एक अपराध है, जिसकी वह पुलिस को 100 नंबर पर कॉल कर शिकायत बता सकती है। इसके अलावा थाने और एसएसपी से जाकर भी इस मामले की शिकायत कर सकती हैं। इसके अलावा अगर पुलिस सुनवाई न करे तो वह कोर्ट के माध्यम से भी किसी अपराध का मुकदमा दर्ज करा सकती हैं। इसके साथ ही अधिवक्ता ने छात्रों को सलाह दी कि वह आईपीसी की धाराओं को इंटरनेट के माध्यम से पढ़ा करें। इससे उन्हें अपराध के खिलाफ लड़ने की शक्ति मिलेगी।

साइबर ठगी से बचने के लिए बैंक से ले ओटीपी व्यवस्था: अमन

अपराजिता कार्यक्रम में पहुंचे साइबर एक्सपर्ट अमन पारासर ने छात्राओं को बताया कि आजकल साइबर ठगों का जाल समाज में फैला हुआ है। ऐसे में वह लोग ठगी से बचने के लिए अपने बैंक से खाते की सुरक्षा मांगे। खासतौर से ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) व्यवस्था जरूर लागू करा लें। इसके अलावा फेक कॉल करने वाले लोगों को एटीएम कार्ड की जानकारी न दें। इसके अलावा उन्होंने बच्चों को फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से होने वाली जालझासी से बचने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि केवल उन्हीं लोगों को अपना दोस्त बनाए या फोलो करें, जिन्हें आप अच्छे से जानते हों। इसके अलावा ब्लू व्हेल गेम जैसे चैलेंज देने वाले लोगों से सतर्क रहें, जोकी जानलेवा साबित होते हैं। इसकी जानकारी अपने परिजनों और टीचर को अवश्य दें।

  • हर बच्ची व महिला के लिए आईपीसी में विशेष प्रावधान दिए गए हैं। इनका प्रयोग करने से महिलाएं घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, छेड़छाड़, दुष्कर्म और मारपीट जैसी वारदातों से आसानी से बच सकती हैं। अगर पुलिस किसी मामले की शिकायत नहीं मानती तो उसके बाद कोर्ट में आकर इसकी शिकायत कर सकते हैं। - अंजना शर्मा, वरिष्ठ महिला अधिवक्ता
  • अमर उजाला की ओर से होने वाला अपराजिता कार्यक्रम सराहनीय कदम है। इसके जरिए लाखों महिलाओं की जिंदगी संवर सकती है। वह अपने सशक्त बन सकती है। ऐसे में अगर कोई महिला उत्पीड़न का शिकार भी हो रही है तो वह पुलिस के माध्यम से अपनी शिकायत दे सकती हैं।  - ममता शर्मा, प्रधानाचार्य, सीएसएचपी पब्लिक स्कूल
  • अपराजिता कार्यक्रम में जाना कि अगर एक्सीडेंट के दौरान घायल होने वाले व्यक्ति की ही गलती हो तो वहां से भागना नहीं चाहिए। वहीं खड़े होकर एंबुलेंस और पुलिस को इसकी जानकारी देनी चाहिए। - भव्या शर्मा, छात्रा
  • अधिवक्ता से जाना कि स्नैचिंग की कोशिश करने की घटना भी अपराध की श्रेणी में आता है। अब तक केवल पता कि स्नैचिंग करना ही अपराध होता है। कार्यक्रम में कई कानूनों के बारे में जानकारी ली है। - पूनम नेगी, छात्रा
  • अधिवक्ता मैडम ने बताया कि दहेज के लिए उत्पीड़न सहना भी एक तरह का अपराध होता है। महिलाओं को सशक्त बनकर समाज के ऐसे लोगों से अफेयर रहना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट में शिकायत का प्रोसेस भी जाना है। - शिवानी यादव, छात्रा
  • साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि फेसबुक और इंस्टाग्राम पर फेक आईडी बहुत होती है। ऐसे में उन्हीं लोगों को फोलो करना चाहिए, जोकि हमारे परिचित हों। बाहरी लोगों को नहीं जोड़ना चाहिए। वह ठगी करते हैं। - गुनगुन, छात्रा