बरेली रोड स्थित महात्मा गांधी इंटर कालेज में अमर उजाला फाउंडेंशन की ओर से आयोजित पुलिस की पाठशाला में एसपी सिटी ने छात्रों को दिए टिप्स
हल्द्वानी। एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव ने कहा कि नशे के चलते छात्र अपना जीवन बर्बाद कर कर देते हैं। वह समाज और परिवार से कट जाते हैं। छात्रों को याद रखना चाहिए कि नशे का अंत बुरा होता है। यह सब कुछ बर्बाद कर देता है।
बरेली रोड स्थित महात्मा गांधी इंटर कालेज में रविवार को अमर उजाला फाउंडेंशन की ओर से आयोजित पुलिस की पाठशाला में एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव ने कहा कि नशेड़ी पहले घर में चोरी करता है। परिवार के सतर्क होने पर पड़ोस मेें अपराध करता है और पकड़े जाने के बाद समाज की नजर से गिर जाता है। उन्होंने कहा कि दोस्तों के दबाव के बाद भी छात्रों को नशे से दूर रहना चाहिए। एसपी सिटी ने यातायात नियमों का पालन करने को भी कहा। प्रधानाचार्य नवीन चंद्र आर्या ने भी छात्रों को नशे से दूर रहने की सलाह दी। संचालन शिक्षक कृष्ण चंद बेलवाल ने किया।
छात्रों के सवाल, एसपी सिटी के जवाब
लाइसेंसी शराब की दुकान बंद होने पर तस्करी बढ़ेगी। लोग अवैध जहरीली शराब पीकर मर सकते हैं। इस कारण सरकार मानक युक्त शराब बेचने का लाइसेंस देती है।
सरकार द्वारा शराब में मिश्रित पदार्थ जांच कर भेजे जाते हैं। लाइसेंस सरकार जारी करती है। संचालन भी सरकार के नियमों के अधीन होता है।
18 साल के कम उम्र के बच्चे को शराब बेचना जुर्म है। इस मामले में शिकायत मिलने पर दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई होगी।
ट्रैफिक नियम सभी के लिए है। पुलिस के खिलाफ भी चालान की कार्रवाई होती है।
आठ माह में पुलिस ने शराब बेचने में 240 लोगों को गिरफ्तार किया है। शिकायत के बावजूद कभी भी मौके पर शराब नहीं मिलती है।
इस मामले में जांच कर पुलिस दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.