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बुलंदशहर : अपराजिता हैं बेटियां

Published - Sun 20, Jan 2019

अपनी सुरक्षा-अपने हाथ कार्यक्रम

बुलंदशहर। बेटी अमूल्य धरोहर हैं। इन्हें बचाने के लिए सभी को प्रयास करने होंगे। बेटियां घरों की रौनक हैं, जिसके बिना कोई भी घर खुशहाल नहीं रह सकता। हर क्षेत्र में बेटियों ने सफलता के कई आयाम स्थापित कर प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्हें सिर्फ और सिर्फ उनकी शक्ति का अहसास कराने की जरूरत है। अपराजिता अभियान के तहत 28 नवंबर को गौरी शंकर कन्या महाविद्यालय में आयोजित अपनी सुरक्षा-अपने हाथ कार्यक्रम में शिक्षिका डॉ. पूर्णिमा सिंह ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी अपराध को सहन करने पर अपराधी अधिक हावी हो जाते हें। इनका डटकर मुकाबला करना चाहिए। यदि अकेले समक्ष न हों तो समूह बनाकर सबक सिखाया जा सकता है। अपने अधिकार पाने के लिए नारी को अपराजिता होकर आगे बढऩा है। बेटियां कमजोर नहीं हैं, बल्कि अपराजिता हैं। इस दौरान छात्राओं ने जिला बुसुसू एसोसिएशन के महासचिव एवं कराटे चीफ कोच अमित शर्मा, नेशनल कराटे खिलाड़ी रूपल चौधरी और दानवीर चौधरी के साथ आत्मरक्षा के गुर सीखे। कार्यक्रम में डॉ. शीनू, डॉ. दीपा, डॉ. अनुपमा, डॉ. प्रीति, एकता और कृष्णा सिंह सहित सौ से अधिक छात्राओं ने अपराजिता शपथ पत्र भरे व नारी गरिमा का संकल्प लिया। (28-11-18)