अपराजिता अभियान
अमर उजाला की अपराजिता : 100 मिलियन स्माइल्स मुहिम परवान चढ़ने लगी है। उत्तरप्रदेश के हर शहर, कस्बे और गांव में बेटियों की आवाज बन रहे अपराजिता अभियान से लोग जुड़ रहे हैं और महिलाओं के हक की आवाज बुलंद कर रहे हैँ। बेटियां और महिलाएं भी इसमें भागीदारी निभाते हुए खुलकर अपनी बात मंच पर साझा कर रही हैं। उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों में 18 फरवरी को हुए आयोजनों में सभी ने नारी गरिमा का सम्मान बनाए रखने की शपथ ली।
पाठशाला में सिखाया सुरक्षा का सबक : महराजगंज। निचलौल तहसील के सेक्रेड हार्ट स्कूल में पुलिस की पाठशाला का आयोजन किया गया। इसमें एसडीएम मदन कुमार व प्रभारी निरीक्षक गौतम सिंह ने विद्यार्थियों को कानूनी जानकारी दी। इस दौरान छात्राओं को किसी भी तरह की परेशानी होने पर पुलिस को कॉल करने की सीख दी गई। साथ ही साहसी बनने को प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में 542 शपथ पत्र भरे गए।
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महिला स्वरोजगार की पहल : गोंडा। मालवीय नगर में अपराजिता मुहिम के तहत 'महिलाएं कैसे बने स्वरोजगारी' विषय पर शिविर का आयोजन किया गया। सावन कृपाल रुहानी मिशन के प्रशिक्षकों ने महिलाओं को सिलाई कढ़ाई के बारे में जानकारी दी। आश्रम के अध्यक्ष अजय राय तानी व मीडिया प्रभारी मनोहर लाल बलेचा ने शिविर में बताया कि जरूरतमंद महिलाएं प्रशिक्षण प्रप्त कर सकती हैं। उन्हें छह माह तक निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। शिविर 70 महिलाओं ने भाग लिया।
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यातायात नियमों की जानकारी दी : सुल्तानपुर। लल्लन जी ब्रह्मचारी डिग्री कॉलेज राजेसुल्तानपुर में पुलिस पाठशाला का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि सीओ आलापुर आरपी राय ने कहा कि हमें वाहन चलाते समय सदैव ट्रैफिक नियम का पालन करना चाहिए। छात्राओं से कहा कि वे अपने परिजनों को इस बारे में लगातार आगाह करती रहें। युवाओं पर यह ज्यादा जिम्मेदारी है कि वे नियम कानून के पालन करें। सीओ ने कहा कि लोग अभी भी हेलमेट नहीं पहनते, जिससे कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
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चुप्पी तोड़ें, खुलकर बोलें किशोरियां : झांसी। पंडित वासुदेव तिवारी कन्या महाविद्यालय में ‘किशोरी जागरूकता कार्यशाला’ का आयोजन किया गया, जिसमें बालिकाओं को किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक बदलाव की जानकारी दी गई। साथ ही उन्हें सलाह दी गई कि इस मसले पर वे चुप न रहें, बल्कि संकोच छोड़कर खुलकर बात करें। इस दौरान बालिकाओं को आयरन की गोलियां और सेनेटरी नैपकिन दिए गए।
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स्वयं की सुरक्षा को आगे आएं बेटियां : बछरावां (रायबरेली)। बेटियां अपनी सुरक्षा को पहले स्वयं करने का प्रयास करें। जब वो स्वयं जागरूक होंगी तो देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। बेटियों को कदम से कदम मिलाकर पुरुषों के साथ चलना चाहिए। बछरावां कस्बे के गिरीश मेमोरियल पब्लिक स्कूल पटेल नगर में नारी सुरक्षा संवाद पर आयोजित परिचर्चा में कुछ इसी तरह महिलाओं ने अपनी बात को रखा। सभी ने कहा कि बेटियां किसी भी समस्या का डटकर मुकाबला करे। कोई परेशान कर रहा है तो पुलिस की मदद लें। हक की लड़ाई के लिए आवाज उठाना सीखें।
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बेटियों की शिक्षा पर जोर : श्रावस्ती। सिरसिया ब्लाक सभागार में महिला शिक्षा पर कार्यशाला हुई। इस दौरान प्रभारी निरीक्षक राहुल सिंह यादव और खंड विकास अधिकारी सोमनाथ मौर्य ने महिलाओं की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा ही नई रोशनी दे सकता है। चिकित्सक डॉ. मजहर अंसारी ने महिला स्वास्थ्य पर कई टिप्स देते हुए स्वस्थ रहो, शिक्षित रहो और आगे बढ़ों की अवधारणा को जीवंत करने को कहा। सामाजिक कार्यकर्ता दद्दन खां ने बेटियों को शिक्षित करने की बात कही।
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शहीदों को नमन किया : एटा। अमर उजाला के अपराजिता अभियान के तहत जेल रोड स्थित जन कल्याण पब्लिक स्कूल में छात्राओं ने पुलवामा हमले में शहीद सैनिकों को कैंडल जलाकर श्रद्धाजंलि दी। इस दौरान आतंकवादियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश जताया गया।
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आतंकी घटना का बदला ले भारत : फिरोजाबाद। पुलवामा में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कई अमर उजाला अपराजिता अभियान के तहत ब्रजराजसिंह स्कूल में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। स्कूल के बच्चों और शिक्षकों ने कैंडल जलाकर शहीदों को नमन किया। इस दौरान सभी ने सभी ने एक स्वर में कहा, आतंकी घटना के खिलाफ देश एकजुट है। सरकार को चाहिए कि वह देश के दुश्मनों से इस घटना का बदला ले।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.