अपराजिता अभियान
अमर उजाला के अपराजिता: 100 मिलियन स्माइल्स अभियान के तहत 27 फरवरी को कई जगह आयोजन हुए। इनमें बेटियों की शिक्षा, महिलाओं के अधिकारों और उनके सशक्तीकरण पर चर्चा के साथ ही अपराजिता संकल्प लिया गया।
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छुपाएं नहीं, जरूर बताएं : बहराइच। छुपाने और चुप रहने से अपराध बढ़ता है, इसलिए चुप्पी तोड़ें और अपराधियों के बारे में बताएं। घर पर बताएं और जरूरत पड़े तो पुलिस की मदद भी लें। हरदी के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय बहोरिक पुर में आयोजित परिचर्चा में थानाध्यक्ष प्रबोध कुमार छात्राओं से यह बात कही। उन्होंने नारी सशक्तीकरण की दिशा में कदम उठाने पर अमर उजाला की सराहना की तथा छात्राओं को सजग व सतर्क रहकर आगे बढ़ते रहने को प्रेरित किया।
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आतंकियों को मिले सबक : कुशीनगर। आतंकियों ने पुलवामा में जो हमला किया, वो कायराना है। इन आतंकवादियों को सबक मिलना चाहिए। अमर उजाला कार्यालय पडरौना में सुरक्षा एवं आतंकवाद विषय पर आयोजित परिचर्चा में महिलाओं ने यह बात रखी। मारवाड़ी युवा मंच की महिला शाखा की अध्यक्ष मीनू जिंदल सहित अन्य महिलाओं ने पुलवामा में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान 15 महिलाओं ने अपराजिता शपथ पत्र भरा।
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तिरंगा लहराकर मनाई खुशी : फिरोजाबाद। भारतीय वायुसेना की ओर से एयर स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह करने का जश्न मनाया गया। बेटियों ने भारत की इस कार्रवाई पर खुशी जताई तथा कहा कि आतंकियों और उन्हें पनाह देने वाले पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया जाना जरूरी था। रामानंद गर्ग इंटर कॉलेज में छात्राओं ने तिरंगा लहराकर खुशी जताई। जोश में बेटियां बोलीं, मेरा देश महान-भारत की सेना महान। इस दौरान सभी ने चेहरे पर तिरंगा बनाया।
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खुद की सुरक्षा करना सीखें : देहरादून। धर्मपुर स्थित विल फील्ड स्कूल में आत्मसुरक्षा को लेकर संवाद का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्राओं ने आत्मरक्षा के लिए दांवपेच सीखे। छात्राओं से कहा गया कि उन्हें अपनी सुरक्षा करना आना चाहिए। कभी भी परेशानी में होने या अपराधी से सामना होने पर हो सकता है मदद मिलने में देर हो जाए। ऐसे में खुद को अपनी सुरक्षा करना आना ही चाहिए। छात्राएं मन लगाकर आत्मसुरक्षा का प्रशिक्षण लें और इसका नियमित अभ्यास करें। इस दौरान सभी ने अपराजिता शपथ भी ली।
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उत्पीड़न का मुंहतोड़ जवाब दें बेटियां : अमावां (रायबरेली)। अमावां ब्लॉक के रामबली पाल स्कूल में पुलिस की पाठशाला का आयोजन किया गया। इसमें सीओ सिटी गोपीनाथ सोनी ने बच्चों को 100 डायल और 1090 के बारे में जानकारी दी। सीओ ने कहा कि बेटियों को उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने जिले की मुखिया नेहा शर्मा का भी उदाहरण देकर बच्चियों को उत्साहवर्धन किया। खंड विकास अधिकारी राजेश बहादुर सिंह ने छेड़छाड़ को लेकर सतर्क रहने और घरवालों व पुलिस को शिकायत करने को जागरूक किया।
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साइबर क्राइम से सतर्क रहें : बागेश्वर । वर्तमान में ऑनलाइन ठगी का चलन बढ़ गया है। इससे बचने के लिए आपको सतर्क रहने की जरूरत है। कौसानी के केंद्रीय विद्यालय में आयोजित पुलिस की पाठशाला में अधिकारियों ने विद्यार्थियों को इसके बारे में बताया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी बताया। साथ ही महिला हिंसा, गुड टच-बैड टच की भी जानकारी दी।
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रैली से बेटी बचाने का संदेश : सिरमौर । जिला मुख्यालय नाहन और पोंटा साहिब में अपराजिता बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ रैली आयोजित की गई। नाहन में हिमाचल विधानसभा के स्पीकर डॉ. राजीव बिंदल ने रैली को हरी झंडी दिखाई। यहां 1286 महिलाओं और छात्राओं ने रैली में भाग लेकर बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा की आवाज उठाई। वहीं, पोंटा में कॉलेज प्रचार्य देवीन्द्रा ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया । यहां 841 छात्राओं ने रैली में भाग लिया। जबकि ददाहू में 140 छात्राओं ने शपथ ली। सिरमौर में कुल 2257 ने रैली में भाग लिया।
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बेटियों को भी मिले बेटों से अधिकार : सोलन। सोलन व नालागढ़ में रैली का आयोजन किया गया। सोलन शहर में जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग अधिकारी कुसुम ने रैली को हरी झंडी दिखाई। जबकि बघाट बैंक के अध्यक्ष पवन गुप्ता बतौर अध्यक्ष मौजूद रहे। रैली में एक हजार छात्राओं व अध्यापकों ने भाग लिया। नालागढ़ में एसडीएम प्रशांत देष्टा ने रैली को हरी झंडी दिखाई। यहां 500 छात्राओं ने रैली में भाग लिया।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.