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सोनभद्र : महिलाओं का बढ़ाएं हौसला

Published - Mon 25, Feb 2019

अपराजिता गोष्ठी

सोनभद्र। पुरुषों को भी महिलाओं के प्रति सोच बदलने की जरूरत है, ताकि प्रत्येक क्षेत्र में नारी अपनी प्रतिभा का परचम लहरा सकें। नारी ही सृष्टि संचालन का आधार है। बेटी, बहन, पत्नी, मां, सास की भूमिका निभाती हैं। जरूरी है कि जिस तरह मां अपने बेटी को संभालती है, उसी तरह बहू को भी बेटी मानें, उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। परिवार या आसपास में किसी महिला का उत्पीड़न होने पर उसका डटकर प्रतिकार करें तो महिलाओं के साथ होने वाले गलत व्यवहार की घटनाएं खुद ​ही कम होती चली जाएंगी। अपराजिता अभियान के तहत 21 फरवरी को राबटर्सगंज स्थित श्री एकेडमी में सजगता गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें शिक्षिकाओं ने विचार रखे। शिक्षिका वैष्णवी गुप्ता, नीलम त्रिपाठी, गीता मौर्या, सविता शर्मा, रचना मालवीय, श्रद्धा गुप्ता, अन्नपूर्णा त्रिपाठी और आंचल शुक्ला ने कहा, यह हर महिला का दायित्व है कि जिस तरह वह बेटी को संस्कार, लोकलाज का पाठ पढ़ाती है, उसी तरह बेटे में भी अच्छे संस्कार दें। उसके हर गलत कदम पर एतराज जताएं। अभी भी पुरुषों का नजरिया महिलाओं के प्रति काफी हद तक उपेक्षा भरा है। इस सोच को बदलने की जरूरत है, ताकि कोई भी महिला अपने सशक्तिकरण की दिशा में आसानी से कदम बढ़ा सके। इस दौरान 135 छात्राओं ने शपथ पत्र भरा। (21-2-19)