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शहर में क्रिकेट की पहली महिला अम्पायर काजल

Published - Sun 03, Mar 2019

अपराजिता मैदान की धुरंधर

aparajita maidaan ki dhurandhar kajal rathore

शहर के क्रिकेट के मैदान में पहली बार जब वे अम्पायरिंग करने उतरीं तो किसी को यकीन ही नहीं हुआ कि उनकी हर बॉल, हर एक्शन पर पैनी नजर है एक लड़की की। दरअसल यह कोई सामान्य लड़की नहीं शहर में क्रिकेट की पहली महिला अम्पायर है काजल राठौर। बचपन से लड़कों के साथ खेलते-खेलते कब क्रिकेट खेलने का शौक पैदा हो गया, पता ही नहीं चला। हालांकि पहले बेसबॉल खेलती रहीं। आल इंडिया यूनिवर्सिटी लेवल पर 13 नेशनल मैच खेले। फिर अचानक से रुख क्रिकेट की ओर हो गया। इस बीच लखनऊ क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से एम्पायर एग्जाम का आयोजन किया गया। सीनियर्स ने सलाह दी परीक्षा देने की। मैं अकेली लड़की थी, जिसने आवेदन किया। परीक्षा भी पास कर ली। इंटरव्यू में पूछा गया कि क्या लड़कों के मैच में अम्पायरिंग करोगी। मैंने कहा, 'हां जरूर करूंगी। बस इसी जवाब पर मेरा सलेक्शन हो गया। अब तक शहर में 50 से अधिक मैचों में अम्पायरिंग कर चुकी हूं।

जो कुछ भी हूं मां के कारण हूं
काजल बताती हैं कि मेरी पैदाइश लखनऊ में हुई। समाजशास्त्र में एमए और बीपीएड किया है। एक बहन नर्सिंग के क्षेत्र में है, जबकि भाई डांस टीचर है। मां बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में कार्यरत हैं। काजल कहती हैं कि आज जो हूं, मां मंजू राठौर के कारण हूं।

मेरी रोल मॉडल : वृंदा राठी, महराष्ट्र से बीबीसी की पहली महिला एम्पायर

अब आगे : यूपीसीए का एग्जाम क्वालिफाई करना है। मेरी राह आसान है, क्योंकि मां के साथ-साथ मुझे लखनऊ क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारियों का सहयोग मिला है। बिना किसी भेदभाव मुझे हर कदम पर प्रोत्साहित किया जाता है।

- काजल राठौर
क्रिकेट अम्पायर