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प्लास्टिक की बॉल ने प्रियंका को बनाया क्रिकेट कैप्टन

Published - Sun 03, Mar 2019

अपराजिता मैदान की धुरंधर

aparajita maidaan ki dhurandhar priyanka shally mishra

प्रियंका शैली गोरखपुर की गलियों में अक्सर चचेरे भाइयों के साथ प्लास्टिक की बॉल से चौक्का-छक्का लगाती थी। मम्मी-पापा ने भी कभी रोका नहीं तो, वे भी खेलती रहीं। पढ़ाई के साथ-साथ हॉकी खेलने लगी। 91-92 तक मंडल हॉकी में काफी धमाल मचाया। इस बीच सहेलियोंं से पता चला कि लखनऊ में क्रिकेट के ट्रॉयल हो रहा है। किस्मत आजमान पहुंच गईं और चयन हो गया। तब से क्रिकेट से रिश्ता जुड़ा जो आज तक जारी है। यूपी सीनियर गल्र्स टीम की कोच, सीनियर वीमेन सलेक्शन कमेटी की चेयरपर्सन रहने के साथ वे यूपी सीनियर टीम की सात साल तक कैप्टन रह चुकी हैं। उन्हीं के नेतृत्व में इंडिया ए में वेस्टंडीज के खिलाफ भारतीय टीम ने जीत हासिल की थी।

तैयार कर रहीं नई पौध
प्रियंका कहती हैं कि मैंं लकी हूं कि मुझे मायके और ससुराल दोनोंं तरफ से भरपूर सहयोग मिला। शादी के बाद भी मेरा खेल जारी रहा। मेरी नानी तो मुझे खेल सबसे ज्यादा खुश होती थीं। मेरा परिवार ही मेरी ताकत बना और यदि हर लड़की के साथ उसके घरवालों का सहयोग है तो फिर कोई भी बेटी असफल हो ही नहींं सकती। फिलहाल वे क्रिकेट की नई पौध तैयार कर रही हैं।

मेरे रोल मॉडल : सनथ जयसूर्या

आगे का इरादा :  एक जिम्मेदारी मिली है यूपी क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्य के रूप में, जिसे बेहतर तरीके से निभाना लक्ष्य है।

- प्रियंका शैली मिश्रा
क्रिकेट प्लेयर, मेंबर यूपी क्रिकेट एसोसिएशन