अपराजिता की पहल
कानपुर। लाल चुनर में भरी मांग के साथ आंखों में नए सपने और मन में उम्मीदों का समंदर लिए 11 विधवाओं ने रूढ़िवादी बंधनों की दहलीज पार कर ली। अमर उजाला की मुहिम 'अपराजिता: 100 मिलियन स्माइल्स' के तहत होटल लैंडमार्क में रविवार को आयोजित ‘विधवा विवाह’ में जीवन साथी के साथ सात फेरे लेकर नई जिंदगी की शुरुआत की। इस आयोजन की खास बात यह थी कि 11 में से सात वरों की यह पहली शादी थी। समाज की कुंठित सोच को दरकिनार करते हुए वरों ने विधवाओं को अपनाया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि द इंडियन साइंस कांग्रेस के महासचिव डॉ. अनूप जैन, विशिष्ट अतिथि पांच सितारा होटल द लैंडमार्क टॉवर्स के एमडी विकास मल्होत्रा, ज्योतिषी पंडित केए दुबे पद्मेश ने इस अनूठे आयोजन की जमकर प्रशंसा की। साथ ही इस मुहिम से आगे भी जुड़े रहने की बात कही। इसके बाद पंडितों ने विधि विधान से विवाह संपन्न कराया। मंत्रोच्चारण के बीच वर-वधुओं ने एक-दूसरे के गले में वरमाला डाली। अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। वर ने वधुओं के गले में मंगलसूत्र बांधकर और मांग में सिंदूर भरकर जीवनसाथी के रूप में स्वीकारा।
सात वरों की थी पहली शादी
11 में सात वरों की यह पहली शादी थी। उन्होंने विधवाओं का हाथ थामकर समाज को संदेश भी दिया। उनका कहना था कि सोच बदली है लेकिन परिवार के कुछ लोगों को समझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं, कुछ वर बोले सभी को समझाया तो मान गए।
बेटी मिल जाएगी, परिवार पूरा हो जाएगा
उन्नाव निवासी सुरेंद्र कुमार के दो बेटे हैं। उनकी पत्नी की बीमारी के चलते मृत्यु हो गई थी। रायबरेली की रहने वाली पारुल के पति की मौत शादी के छह महीने में हो गई थी। पति की मौत के बाद उन्होंने बेटी को जन्म दिया। सुरेंद्र ने बताया कि शादी की बात चली तो पहले मना कर दिया, फिर लगा उनकी बेटी है और मेरे दो बेटे, परिवार पूरा हो जाएगा। तीनों बच्चे आपस में मिलजुल कर रहेंगे।
कभी ऐसी शादी की कल्पना नहीं की
शहर के सबसे बड़े पांच सितारा होटल में शादी, अखबार में फोटो, शहर के गणमान्य अतिथियों की मौजूदगी। कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि दूसरी शादी ऐसी होगी। यह कहकर दुल्हनों की आंखें नम हो गईं। वर-वधू बोले कि अमर उजाला ने जीवन तो संवारा ही, शादी का भव्य आयोजन कराकर न भूलने वाली यादें भी दे दी।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.