कहा - मेहनत और आत्मविश्वास से लक्ष्य प्राप्त करने में विजयी होंगी छात्राएं महिला सशक्तीकरण, कॅरिअर, परीक्षाओं की दी जानकारी, हरेक का आदर करने की दी सीख
हमीरपुर। स्कूलों की बोर्ड परीक्षाएं सिर पर हैं, इसलिए विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने के लिए बेहतर प्लानिंग, मेहनत और आत्मविश्वास के साथ परीक्षाओं की तैयारी करें। परीक्षाओं को लेकर दबाव और तनाव में न रहें। दबाव और तनाव से आपके प्रदर्शन में गिरावट आएगी न कि सुधार। इसलिए जब भी दबाव या तनाव महसूस करें तो अपनी मनपसंद सांस्कृतिक या खेलकूद गतिविधि में भाग लें। यह उद्गार पुलिस अधीक्षक हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर ने हिम अकादमी पब्लिक स्कूल हीरानगर में मंगलवार को ‘अमर उजाला’ के अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि प्रकट किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के निदेशक पंकज लखनपाल ने की। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि महिलाओं का सम्मान समाज के हर वर्ग को करना चाहिए। देश में इस समय महिला सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है। देश में घटित कुछ अमानवीय घटनाओं ने महिलाओं की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगाए हैं। जिससे कई महिलाएं देश की बजाय विदेशों, जहां पर वे खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें, वहां पर अपनी सेवाएं दे रही हैं।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पूर्व में महिला वर्ग को कमजोर माना जाता रहा है, लेकिन वास्तव में स्थिति यह है कि महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। महिला सशक्तीकरण और सुरक्षा के लिए हम पहले खुद से फिर अपने परिवार और फिर अपने ग्रुप से परिचर्चा शुरू कर सकते हैं। पढ़ा लिखा वह नहीं है जिसके पास डिग्री है, बल्कि पढ़ा लिखा वह है जिसकी मानसिकता विकसित है और अपने व दूसरों के हक के लिए आवाज उठाए। उन्होंने विभिन्न महान हस्तियों का उदाहरण देकर छात्राओं को उन्हें अपना रोल मॉडल बनाने का आग्रह किया। इसके अलावा एसपी ने कहा कि आप अगर अपने आसपास के सभी लोगों का आदर करेंगे तो आप भी वापस में इज्जत पाओगे। एसपी ने छात्राओं से आह्वान किया कि अगर उन्हें कोई धमकाता है या छेड़ता है तो डरें नहीं एक तो इसका डटकर सामना करें और दूसरा इसकी शिकायत अपने परिजनों, अध्यापकों या पुलिस में करें। इस दौरान स्कूल प्रबंधन ने मुख्यातिथि को पुस्तकें और पौधा भेंट कर सम्मानित किया। छात्रा सूर्याग्नि ने पुलिस अधीक्षक की जीवनी के बारे में बताया।
महिला सशक्तीकरण की दिशा में सराहनीय पहल
स्कूल प्रधानाचार्य वनिता गुप्ता ने कहा कि अमर उजाला का महिला सशक्तीकरण की दिशा में यह सराहनीय पहल है। स्कूल में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होने से छात्राओं का आत्मविश्वास भी बढ़ा है। ऐसे में अगर उन्हें कोई दिक्कत होगी तो वह बिना झिझक उसे साझा कर सकेंगी। उन्होंने मुख्यातिथि पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर और अमर उजाला का इस कार्यक्रम के लिए आभार जताया।
छात्राओं ने सवाल पूछकर शंकाओं का पाया समाधान
छेड़छाड़ होने पर क्या करें : सिमरन
छात्रा सिमरन ठाकुर ने पूछा कि लड़कियों को अगर कोई छेड़ता है तो क्या करना चाहिए? इस पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आत्मविश्वास के साथ पहले तो उसका विरोध करें। इसकी शिकायत परिजनों, अध्यापकों या अपने करीबियों से करें। पुलिस में शिकायत करें। आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कानून में ऐसे उदंडों के लिए सजा का प्रावधान है। छेड़खानी और धमकियों को सहन न करें, बल्कि इनका विरोध करें।
दोषियों के खिलाफ क्यों उचित कार्रवाई नहीं
छात्रा अनामिका ने पूछा कि देश में विभिन्न अमानवीय घटनाएं (निर्भया, गुड़िया, प्रियंका रेड्डी व अन्य मामले) लड़कियों के साथ हुई हैं, लेकिन समय बीतने के बावजूद सरकार ने दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की है। इसके लिए क्या हो सकता है? इस पर एसपी ने कहा कि सरकार व कानून अपना काम कर रहा है। कुछ कार्य धीमी गति से होते हैं, लेकिन उनके परिणाम अच्छे होते हैं। एसपी ने कहा कि ऐसी घटनाओं को बंद करने के लिए हमें खुद से शुरुआत कर, ग्रुप चर्चा से लेकर परिवार व समाज को महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूक करना होगा।
बच्चों को काफी बातें सीखने को मिलीं : नीता
मंच संचालन कर रहीं अध्यापक नीता सिंह ने कहा कि अपराजिता कार्यक्रम बहुत जानकारी देने वाला कार्यक्रम है। इसमें एसपी ने बच्चों को उनके लेवल पर जाकर विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारी दी। इस कार्यक्रम में बच्चों को काफी बातें सीखने को मिली हैं, जो भविष्य में काम आएंगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम स्कूलों में होना बच्चों के लिए काफी लाभकारी हैं।
महिलाओं की गरिमा और सम्मान के लिए बेहतर प्रयास : विजना
अध्यापक विजना डोगरा ने कहा कि अमर उजाला ने महिलाओं की गरिमा और सम्मान के लिए अपराजिता कार्यक्रम चलाकर बेहतरीन प्रयास किया है और संस्थान इस प्रयास में सफल भी रहा है। अपराजिता कार्यक्रम में स्कूल की छात्राओं ने अपने से संबंधी विभिन्न प्रकार की जानकारी हासिल की। वहीं छात्राओं ने अपने सवालों के उत्तर जानकार अपनी शंकाओं को दूर किया।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.