पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों ने छात्राओं से कहा कि वे किसी भी अप्रिय घटना पर चुप्पी न साधें, क्योंकि ये चुप्पी भविष्य में बड़ी घटना का कारण बन सकती हैं। खुलकर बोलें, परेशान करने वाली बातों को अपनी सहेलियों, शिक्षकों व परिजनों से साझा करें। जरूरत पड़ने पर पुलिस को सूचना दें।
मऊरानीपुर। अमर उजाला के नारी गरिमा के साझा संकल्प ‘अपराजिता: 100 मिलियन स्माइल्स’ के तहत शुक्रवार को पुलिस की पाठशाला का आयोजन हुआ, जिसमें पुलिस अधिकारियों ने छात्राओं से कहा कि वे किसी भी अप्रिय घटना पर चुप्पी न साधें, क्योंकि ये चुप्पी भविष्य में बड़ी घटना का कारण बन सकती हैं। बल्कि, खुलकर बोलें, परेशान करने वाली बातों को अपनी सहेलियों, शिक्षकों व परिजनों से साझा करें। जरूरत पड़ने पर पुलिस को सूचना दें, पुलिस आपकी है और आपके लिए है। समस्या हल होगी। इस दौरान छात्राओं ने भी बेबाकी से अपनी समस्याएं रखीं और सवाल पूछे।
मोती महिला महाविद्यालय के सभागार में आयोजित पुलिस की पाठशाला में मुख्य अतिथि एसपी (ग्रामीण) राहुल मिठास ने कहा कि छात्राएं अपने मोबाइल में इमरजेंसी नंबर जरूर फीड कर लें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सके। खुद को अराजक तत्वों से बचाने के लिए चिली स्प्रे, खांसी वाला स्प्रे साथ रखें। छेड़छाड़ की स्थिति में जोर से चिल्लाएं, ताकि लोग मदद को पहुंच सकें। साथ ही आत्मरक्षा के लिए कराटे सीखें। उन्होंने महाविद्यालय से इसकी व्यवस्था करने की अपील की।
पुलिस क्षेत्राधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा कि छात्राएं अपने भाइयों को समझाएं कि दूसरी लड़कियां भी उनकी बहन की तरह हैं। उनके साथ भी वे शालीनता से पेश आएं। उन्होंने कहा कि अगर कहीं पर एकांत में फंस जाएं तो डायल 112 पर फोन करें। पुलिस की गाड़ी घर तक छोड़ने जाएगी। इस दौरान महिला पुलिस उप निरीक्षक पिंकी यादव ने भी विभिन्न जानकारियां दीं। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत में छात्राओं ने स्वागत गीत, सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। अनीता सिंह ने अतिथियों को स्मृति चिह्न, पुष्पगुच्छ, शॉल व श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया । इस मौके पर उपनिरीक्षक कौशल किशोर मिश्रा, विशिष्ट अतिथि अमित, नयन सिंह , महिला सिपाही अंजलि सिंह, प्रियंका यादव, गरिमा शुक्ला, समीक्षा यादव, रिचा मिश्रा, पारुल मिश्रा, हलीमा सादिया, साधना नामदेव, वैशाली, चारू सुरौठिया, हर्षिता, संध्या अहिरवार, योजना अग्रवाल, डोली, सृष्टि, गौरी मोर, सोनिया पटेल, करिश्मा अंसारी, सोनम दीक्षित, मांडवी खरे, शिखा यादव, नमी दुबे, विदांशी साहू, सौम्या अग्रवाल आदि मौजूद रहीं। संचालन अनामिका शर्मा व फौजिया ने किया।
सोशल मीडिया पर रहें सतर्क
पुलिस की पाठशाला में पुलिस अधिकारियों ने छात्राओं से कहा कि वे सोशल मीडिया का सतर्कता से इस्तेमाल करें। व्हाट्सएप, फेसबुक पर अपनी फोटो साझा करने से बचें। जिन्हें आप बेहतर ढंग से नहीं जानती हैं, उनसे फेसबुक पर दोस्ती न करें। अपरिचितों से अपने मोबाइल नंबर साझा न करें। बेहतर हो कि छात्र जीवन में इंटरनेट का इस्तेमाल अपना ज्ञान बढ़ाने के लिए करें।
छात्राओं के सवाल के पुलिस अधिकारियों ने दिए जवाब
छात्रा: रास्ते में फब्तियां कसने वाले मनचलों से कैसे निपटा जाए?
पुलिस: सूचना पुलिस को दें, पुलिस कार्रवाई करेगी, शिकायत करने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा। मनचलों के गाड़ी नंबर भी पुलिस को देने पर उन पर कार्रवाई की जाएगी।
छात्रा: पुलिस से आम लोग डरते क्यों है?
पुलिस: पुलिस सिर्फ अपराधियों को डराती है। आम लोगों की तो दोस्त है। पुलिस से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। अपनी परेशानी खुलकर पुलिस के सामने रखें।
छात्रा: निर्भया के गुनहगारों को फांसी देने में इतनी देरी क्यों?
पुलिस: कानून अपना काम कर रहा है। यही वजह है कि निर्भया के गुनहगारों को फांसी की सजा सुनाई गई है। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का पूरा हक है। थोड़ी देर जरूर हो रही है, परंतु सजा सभी को मिलेगी।
छात्रा: पुलिस हर मामले की रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं करती?
पुलिस: हर पीड़ित को न्याय दिलाना पुलिस काम है। चौकी, थानों में हर किसी की सुनवाई के लिए पुलिस प्रतिबद्ध है। यहां न सुनी जाए, तो उच्चाधिकारियों को बताएं, कार्रवाई होगी।
ये बोली छात्राएं
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.