राजकीय दौलतपुर चौक कॉलेज में अपराजिता कार्यक्रम में एएसपी ने छात्राओं को किया जागरूक
दौलतपुर चौक/ऊना। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद धीमान ने कहा कि अपराध का मनोविज्ञान ऐसा है कि अगर अपराधी को क्राइम करने से रोका न जाए तो भविष्य में उसके हौसले और भी बुलंद हो जाते हैं। इसलिए अपराध की रोकथाम पहले चरण में की जानी आवश्यक है। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि जरूरी नहीं कि क्राइम आपके साथ हो तभी आवाज उठाएं बल्कि कहीं आसपास भी किसी के साथ अपराध होता दिखे तो तुरंत इसकी रिपोर्ट करनी चाहिए। एएसपी विनोद धीमान बुधवार को राजकीय दौलतपुर चौक महाविद्यालय में अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम में 265 छात्राओं ने भाग लिया। एएसपी ने छात्राओं को साइबर क्राइम तथा घरेलू हिंसा जैसे विषय पर जागरूक किया। विनोद धीमान ने कहा कि आज के दौर में अधिकांश अपराध साइबर फ्रॉड से जुड़े हैं। लिहाजा हमें इंटरनेट का प्रयोग करते हुए सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने नशे से दूर रहने का भी आह्वान किया। इस मौके पर प्राचार्य डॉ. आरके शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर रितु जसवाल, प्रो. डॉ. देवकला शर्मा, प्रो. डॉ. निधि, प्रो. डॉ. अंजू, प्रो. सतीश कालिया, प्रो. राजीव राणा, प्रो. डॉ. उमा, प्रो. अनिता राणा, प्रो. विकास चंद शर्मा, प्रो. रामपाल अत्री, प्रो. शैलजा आदि उपस्थित रहे।
शिक्षा अपराध को टिकने नहीं देती : डॉ. आरके शर्मा
कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरके शर्मा ने कहा कि मात्र शिक्षा ऐसी चीज है जो अपराध को टिकने नहीं देती। बशर्ते शिक्षा के साथ संस्कारों के प्रति भी जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने छात्राओं से उच्च शिक्षा प्राप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को शिक्षित किया जाए तो पूरा समाज शिक्षित हो जाता है।
न्याय मिलने में इतनी देरी क्यों : सलोनी
छात्रा सलोनी ने सवाल किया कि अकसर देखने में आया है कि महिलाओं के प्रति जघन्य अपराध में न्याय बहुत देरी से मिलता है। ऐसा क्यों है। एएसपी विनोद धीमान ने कहा कि पुलिस 60 दिन के भीतर केस अदालत को भेजने के लिए बाध्य है। कानून भी अपना काम करता है लेकिन कोर्ट में अपील जैसी कानूनी प्रक्रिया के चलते कई मामले लंबे खिंच जाते हैं।
छेड़छाड़ जैसे मामलों में नहीं देते परिजन साथ : प्रीति
छात्रा प्रीति शर्मा ने कहा कि अमूमन छेड़छाड़ जैसे मामलों में परिजन भी लड़कियों का साथ नहीं देते, ऐसे में लड़कियों को क्या करना चाहिए। एएसपी विनोद धीमान ने कहा कि ऐसे परिवारों को काउंसलिंग की आवश्यकता है। अपराध की पहले स्तर पर ही रिपोर्ट करना आवश्यक है। शिकायत न करने से मामला और पेचीदा हो जाता है।
हमेशा पुरुष गलत नहीं होते : प्रिया
प्रिया ठाकुर ने कहा कि घरेलू हिंसा समेत अन्य मामलों में हर बार पुरुष गलत नहीं होते। यह भी देखने में आया है कि कई मामलों में महिलाएं पुरुषों को बेवजह भी फंसाती हैं। इस पर मुख्यातिथि ने कहा कि कानून महिलाओं को ज्यादा संरक्षित करता है, लेकिन यह भी सच है कि कई मर्तबा दहेज उत्पीड़न जैसे केस में कानून का गलत इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में पुलिस को अपनी जांच की दिशा सही रखनी चाहिए।
आपात स्थिति में कैसे निपटें : प्रियंका
छात्रा प्रियंका ने कहा कि अकसर बाइकर्स अकेली लड़कियों को देख छेड़खानी करते हैं। ऐसी आपात स्थिति में अपराधियों से कैसे निपटा जा सकता है। इस पर एएसपी विनोद धीमान ने बताया कि सबसे पहले आरोपी का बाइक नंबर नोट करें। उसके बाद स्थानीय पुलिस चौकी अथवा हेल्पलाइन नंबर 112, गुड़िया हेल्पलाइन 1515 पर कॉल करनी चाहिए। ऐसे मामलों की रिपोर्ट करना आवश्यक है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.