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डरें नहीं, कोई परेशान करे तो तुरंत सबक सिखाएं

Published - Fri 21, Feb 2020

प्रधानाध्यापिका महेंद्र कुमारी ने कहा अकेले रास्ते में कोई परेशान करे तो उसको तुरंत सबक सिखाएं। वूमेन पावर लाइन 1090, महिला हेल्पलाइन 181, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, डायल-112 आदि के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर बिना किसी संकोच के इन नंबरों का उपयोग करें।

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ललितपुर। अमर उजाला के ‘अपराजिता-100 मिलियन स्माइल्स’ मुहिम के तहत उच्च प्राथमिक आदर्श विद्यालय नगर क्षेत्र में स्कूली छात्राओं व महिला स्टाफ ने नारी गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखने की शपथ ली।
छात्राओं को शपथ दिलाते हुए स्कूल की प्रधानाध्यापिका महेंद्र कुमारी ने कहा कि नारी को किसी से डरने की जरूरत नहीं है। जब भी कोई मुसीबत आए तो घबरायें नहीं, बल्कि मुसीबत का स्वयं डटकर मुकाबला करें। उन्होंने कहा कि जब भी अकेले रास्ते में कोई परेशान करे तो उसको तुरंत सबक सिखाएं। उन्होंने छात्राओं को वूमेन पावर लाइन 1090, महिला हेल्पलाइन 181, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, डायल-112 आदि के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर बिना किसी संकोच के इन नंबरों का उपयोग करें। इस अवसर पर छात्राओं ने अपराजिता मुहिम से जुड़ने के लिए शपथ पत्र भरे। इस दौरान महेंद्र कुमारी, ताहिरा निजामी, अलका अग्रवाल, कायनात नाज, वर्षा, सुहाना, शाईस्ता, शालिनी, वैष्णवी आदि स्टाफ व छात्राएं मौजूद रहीं।

  • महिलाओं को सशक्त बनाने में अपराजिता अभियान मील का पत्थर साबित होगा। अपराजिता वही है, जो किसी से डरे नहीं और न कभी हार माने। ऐसे कार्यक्रमों से छात्राओं को सभ्य  नागरिक बनाने में मदद मिलेगी। नारी को अपनी गरिमा को बनाए रखने के लिए आत्मविश्वास बनाए रखना होगा। भारतीय नारी को देवी की संज्ञा दी गई है। सभी को अपने व्यक्तित्व का मजबूती के साथ विकास करना होगा। - महेंद्र कुमारी, प्रधानाध्यापिका
  •  बेटियां डरे नहीं, बल्कि निडर होकर अपराध के खिलाफ खड़ी हों। जब तक शिकायतकर्ता मजबूती से खड़ा नहीं होता, कानून अपना कामऱ् ठीक से नहीं कर पाएगा। चुप्पी किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। घरेलू हिंसा चाहे अपने घर में हो, या पड़ोस में, जरूर आवाज उठाएं। महिला हिंसा तभी रुक सकती है, पुरुष सोच बदलें व समाज में महिलाओं को भी समान अधिकार दें। - अलका अग्रवाल, प्रधानाध्यापिका
  • देश के महापुरुषों ने हमेशा नारी शिक्षा पर बल दिया है। बालिकाओं को उच्च शिक्षा देने के लिए अभी भी अभिभावकों को जागरूक करने की आवश्यकता है। महिला जागरूकता अभियान से नारी आत्मनिर्भर और सशक्त बनेगी। - ताहिरा निजामी, सहायक अध्यापिका
  • बेटियों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे शिक्षा हासिल कर परिवार, समाज और देश का नाम रोशन करें। रास्ते में होने वाली छींटाकशी आदि को न तो बर्दाश्त करें और न ही छिपाएं, क्योंकि इसको लेकर जरा सी लापरवाही बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है। इसलिए सतर्क रहकर सुरक्षित रहें और जीवन में शिक्षा के बल पर आत्मनिर्भर बनकर पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चलें, तभी इन आयोजन का उद्देश्य पूरा होगा। - कायनात नाज
  • बेटियां जब तक संकोच त्यागकर खुद आगे नहीं बढ़ेंगी, तब तक समाज उन्हें बराबरी का दर्जा नहीं देगा। दो दशक में महिलाओं के प्रति नजरिए में परिवर्तन आया है, लेकिन अभी यह शुरुआती दौर है। बदलाव की इस कहानी को नया आयाम देने की जिम्मेदारी बेटियों पर ही है। - वर्षा
  • अमर उजाला के अपराजिता अभियान से जुड़कर अच्छा लगा। किसी भी प्रकार की आपराधिक घटनाओं के खिलाफ सबसे पहले स्वयं हिम्मत जुटाकर सामना करने की हिम्मत इस कार्यक्रम से मिली है। - शाईस्ता
  • कार्यक्रम में शामिल होकर अच्छा लगा। इस तरीके कार्यक्रमों से हम सभी का हौसला बढ़ा है। छात्राओं और महिलाओं को सशक्त बनाने और मजबूती प्रदान करने के लिए अमर उजाला का अपराजिता अभियान मील का पत्थर साबित हो रहा है। - वैष्णवी