स्टे एट होम कैंप में बच्चे प्रतिभाग कर रहे हैं। स्कूल की सोशल साइट्स पर रोज विभिन्न प्रकार के नए-नए टास्क दिए जाते हैं, जिन्हें बच्चों को घर बैठे ही पूरे करने होते हैं। उन टास्कों को पूरा करने के लिए बच्चे घर पर ही बहुत मेहनत कर रहे हैं। प्रतिदिन अपनी वीडियो बनाकर स्कूल की सोशल साइट पर भेजते हैं। इससे बच्चों को रोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिल रहा है। इससे बच्चों की प्रतिभा में निखार आ रहा है।
ललितपुर। बृहस्पतिवार को ‘अमर उजाला’ द्वारा शहर के तालाबपुरा में अपराजिता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें अनेक महिलाओं ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर महिलाओं ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान उनके बच्चे सकरात्मक कार्य कर रहे हैं। बच्चों और उनका टाइमपास हो रहा है, बच्चों को इन दिनों में नई जानकारियां मिल रहीं हैं। बच्चों की झिझक खत्म होने के साथ-साथ उनकी प्रतिभा में निखार आ रहा है।
महिलाओं ने कहा कि स्टे एट होम कैंप में बच्चे प्रतिभाग कर रहे हैं। स्कूल की सोशल साइट्स पर रोज विभिन्न प्रकार के नए-नए टास्क दिए जाते हैं, जिन्हें बच्चों को घर बैठे ही पूरे करने होते हैं। उन टास्कों को पूरा करने के लिए बच्चे घर पर ही बहुत मेहनत कर रहे हैं। प्रतिदिन अपनी वीडियो बनाकर स्कूल की सोशल साइट पर भेजते हैं। इससे बच्चों को रोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिल रहा है। इससे बच्चों की प्रतिभा में निखार आ रहा है।
लॉकडाउन के इक्कीस दिनों में स्कूल द्वारा 21 टास्क दिए जा रहे हैं। एसडीपीएस इंटरनेशनल स्कूल द्वारा प्रतिदिन एक टास्क दिया जाता है। टास्क बेहतर तरीके से पूरा करने के लिए बच्चों में होड़ रहती है। स्कूल द्वारा बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले तीन श्रेष्ठ प्रतिभागियों को क्रमश: प्रथम पुरस्कार सैमसंग टैबलेट, द्वितीय पुरस्कार साइकिल व तृतीय पुरस्कार डिजिटल पैड दिए जाने की घोषणा की गई है। महिलाओं ने कहा कि इससे बच्चे दिनभर व्यस्त रहते हैं और बच्चों के साथ पूरे परिवार का टाइमपास हो जाता है। वह पूरी तरह जागरुक हैं और कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को उपाय कर रहीं हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.