Aparajita
Aparajita

महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

महिलाएं हैं देश की तरक्की का आधार, उनके प्रति बदलो विचार

Published - Mon 24, Feb 2020

राष्ट्रीय सेवा योजना प्रथम इकाई के कार्यक्रम अधिकारी प्रो. एसबी सिंह ने कहा कि छात्राएं स्वयं में शक्तिशाली बनें, जिससे अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकें।

aparajitra lalitpur

ललितपुर। अमर उजाला के ‘अपराजिता-100 मिलियन स्माइल्स’ मुहिम के तहत ग्राम मसौरा में दयोदय गोशाला में श्री दीपचंद्र चौधरी महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की छात्राओं ने नारी गरिमा को अक्षुण्य बनाए रखने की शपथ ली। छात्राओं को शपथ दिलाते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना प्रथम इकाई के कार्यक्रम अधिकारी प्रो. एसबी सिंह ने कहा कि छात्राएं स्वयं में शक्तिशाली बनें, जिससे अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकें। इससे वह परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती हैं। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना ही महिला सशक्तीकरण है।
राष्ट्रीय सेवा योजना द्वितीय इकाई के कार्यक्रम अधिकारी प्रो. रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने में अपराजिता अभियान मील का पत्थर साबित होगा। अपराजिता वही है, जो किसी से डरे नहीं और न कभी हार माने। ऐसे कार्यक्रमों से छात्राओं को सभ्य नागरिक बनाने में मदद मिलेगी। नारी को अपनी गरिमा को बनाए रखने के लिए आत्मविश्वास बनाए रखना होगा।
प्रो. भावना चढ़ार ने छात्राओं को वूमेन पावर लाइन 1090, महिला हेल्पलाइन 181, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, डायल-112 आदि के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर बिना किसी संकोच के इन नंबरों का उपयोग करें। छात्राओं ने अपराजिता मुहिम से जुड़ने के लिए शपथ पत्र भरे।
इस दौरान प्रो. विनीता जैन, प्रो. केपी सिंह, प्रो. महेद्र झां, प्रो. रामेंद्र कुुमार, प्रो. शुभम नामदेव, सिद्वार्थ जैन आदि स्टाफ व एनएसएस की छात्राएं मौजूद रहीं।

  • अपराजिता कार्यक्रम से हमने सीखा कि नारी को किसी से डरने की जरूरत नहीं है। जब भी कोई मुसीबत आएगी तो उससे घबराएं बिना ही स्वयं डटकर मुकाबला करेंगे। जब भी अकेले रास्ते में कोई परेशान करे, तो उसको तुरंत सबक सिखाना चाहिए। - लक्ष्मी सिंह ठाकुर
  • अपराजिता कार्यक्रम से आत्मविश्वास बड़ा है। इस तरह के कार्यक्रमों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। हमने आज सीखा कि घरेलू हिंसा चाहे अपने घर में हो, या पड़ोस में इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। महिला हिंसा तभी रुक सकती है, जब पुरुष सोच बदलें व समाज में महिलाओं को भी समान अधिकार मिले। - प्राची पटेल
  • हमारे महापुरुषों ने भी हमेशा नारी शिक्षा पर बल दिया है। बालिकाओं को उच्च शिक्षा देने के लिए अभिभावकों को जागरूक करने की आवश्यकता है। अपराजिता अभियान से नारी आत्मनिर्भर और सशक्त बनेगी। कार्यक्रम में बहुत से अनुभव सीखने को मिले। - विनीता अहिरवार
  • किसी के भी साथ रास्ते में होने वाली छींटाकशी आदि को न तो बर्दाश्त करें और न ही छिपाएं, क्योंकि इसको लेकर जरा सी लापरवाही बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है। इसलिए सतर्क रहकर सुरक्षित रहें और जीवन में शिक्षा के बल पर आत्मनिर्भर बनकर पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चलें, तभी अपराजिता अभियान का उद्देश्य पूरा होगा।  - शैलेंद्री राजा
  • महिला सशक्तिकरण में ताकत है कि वो समाज और देश में बहुत कुछ बदल सकती हैं। वे समाज में किसी समस्या को पुरुषों से बेहतर ढ़ंग से निपट सकती हैं। बस उन्हें जरुरत है अपनी शक्ति को समझने की। पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं किसी भी प्रभावकारी हिंसा को संभालने में सक्षम हैं, चाहे वह पारिवारिक हो या सामाजिक।  - किरन कुशवाहा
  • अपराजिता अभियान से जुड़कर अच्छा लगा। किसी भी प्रकार की आपराधिक घटनाओं के खिलाफ सबसे पहले स्वयं हिम्मत जुटाकर सामना करने की हिम्मत इस कार्यक्रम से मिली है।  - रविना लोधी
  •  एक महिला परिवार में सभी चीजों के लिये बेहद जिम्मेदार मानी जाती है, क्योंकि वह सभी समस्याओं का समाधान अच्छी तरह से कर सकती है। महिलाओं का सशक्त होना बहुत जरुरी है। महिलाओं के सशक्त होने से पूरा समाज अपने आप सशक्त हो जाएगा। - साक्षी पटेल
  • अपराजिता अभियान से हम छात्राओं का आत्मविश्वास जागा है। छात्राओं को सशक्त बनाने में अमर उजाला का अपराजिता अभियान मील का पत्थर साबित होगा। - मुस्कान कुशवाहा