Aparajita
Aparajita

महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

बदलेगी समाज की सोच तभी सुरक्षित होंगी महिलाएं

Published - Wed 19, Jun 2019

समाज की सोच में बदलाव जरूरी है। जब तक समाज में महिलाओं को बराबर का दर्जा नहीं मिलेगा उन्हें उचित सम्मान नहीं मिलेगा।

women awerness


संतकबीरनगर। घर, सड़क और कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून बनाए गए हैं। इसके बावजूद आए दिन महिलाओं के साथ हिंसा और उत्पीड़न की खबरें सुनने को मिलती हैं। इस पर अंकुश तभी लगेगा जब समाज की सोच बदलेगी। लोग महिलाओं को सम्मान की नजर से देखेंगे और उन्हें बराबर का दर्जा देंगे। ये बातें मंगलवार को अमर उजाला फाउंडेशन के अभियान अपराजिता के तहत कबीरचौरा परिसर में आयोजित महिला जागरूकता गोष्ठी में मगहर की चेयरमैन संगीता वर्मा ने कहीं। 
मुख्य अतिथि वर्मा ने कहा कि देश में विकास की खबरों के बीच महिला उत्पीड़न की घटनाएं भी हो रही हैं। यह दुखद है। इस मामले में सिर्फ कानून बनाने से काम नहीं चलेगा। समाज की सोच में बदलाव जरूरी है। जब तक समाज में महिलाओं को बराबर का दर्जा नहीं मिलेगा उन्हें उचित सम्मान नहीं मिलेगा। महिलाओं को समान अधिकार दिया गया है, लेकिन समाज की सोच आज भी पुरानी है और अधिकांश पुरुष उन्हें अपने से कमतर मानते हैं। यह मानसिकता बदलनी चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कबीरचौरा परिसर के महंत विचार दास ने कहा कि हमारी संस्कृति में नारी को पुरुषों की अपेक्षा अधिक सम्मानजनक स्थान दिया गया है, लेकिन हकीकत में महिलाओं की स्थिति उतनी बेहतर नहीं है। कहा कि जहां नारी का अपमान होता है वहां कभी भी सुख समृद्घि नहीं आती। इस दौरान संत ज्ञानेश्वरदास, महंत कन्हैैया दास, संत केशवदास, संत अरविंद दास शास्त्री, त्रिलोकीनाथ वर्मा, राजकुमार, तेजपाल सिंह,  राजू, राजेश पाल, राजेंद्र, देवेंद्र कुमार झा, दिनेश कुमार शर्मा, रामशरन दास, कल्पनाथ दास, विनोद दास, शांति दास, शकुंतला, सुनीता, राजकुमारी की मौजूदगी रही।