Aparajita
Aparajita

महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

दरिंदों को तत्काल फांसी की व्यवस्था हो

Published - Sat 08, Feb 2020

गुरसराय नगर की प्रबुद्ध वर्ग की महिलाओं ने एक स्वर में निर्भया के गुनहगारों की फांसी में हो रही देरी पर कड़ा एतराज जताया।

aparajita

झांसी। अमर उजाला के नारी गरिमा के साझा संकल्प ‘अपराजिता: 100 मिलियन स्माइल्स’ के तहत संवाद का आयोजन हुआ, जिसमें गुरसराय नगर की प्रबुद्ध वर्ग की महिलाओं ने हिस्सा लिया। सभी ने एक स्वर में निर्भया के गुनहगारों की फांसी में हो रही देरी पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने बगैर किसी देरी के दरिंदों को फांसी देने की मांग की।
संवाद में महिलाओं ने कहा कि जब चारों गुनहगारों का देश के सर्वोच्च न्यायालय में देश सिद्ध हो चुका है। फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। बावजूद, तारीख पर तारीख आगे बढ़ रही है। ये स्थिति व्यवस्था के लचीलेपन का सुबूत है। इसी का अपराधी फायदा उठाते हैं और एक के बाद एक घटनाएं सामने आती रहती हैं। इसमें बड़े बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अपराधियों ने जीने की चाह रखने वाली बेटी पर दया नहीं की, ऐसे में इन दरिंदों को भी दया याचिका दायर करने का मौका नहीं मिलना चाहिए था। सजा में देरी से लोगों में निराशा का माहौल बना हुआ है। महिलाओं ने न्यायिक प्रणाली को त्वरित व कठोर बनाए जाने की मांग की।

  • निर्भया मामले में सजा का एलान हो चुका है, तारीख भी तय हो गई थी। बावजूद, सजा अब तक नहीं दी गई है। जबकि, सजा मिलते ही उन्हें दे दी जानी चाहिए थी। - पूनम सोनी, पिपरैया मुहल्ला
  • चारों ने जुर्म किया था, जो न्यायालय में साबित भी हो चुका है। बावजूद, हर बार सजा की तारीख का आगे बढ़ना चिंताजनक है। ये व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। - किरणलता, पटकाना मुहल्ला
  • अपराधियों को जितनी कठोर और जल्द सजा मिलेगी, उतना लोगों में व्यवस्था के प्रति भरोसा पैदा होगा। दोष सिद्ध होने के बाद सजा में देरी नहीं होनी चाहिए। - रंजना पटेल, भदरवारा
  • व्यवस्था के इसी लचीलेपन का नतीजा है अपराधों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। महिलाओं के साथ होने पर वाले कम होने की बजाय बढ़ रहे हैं।
    - वंदना जैन, मेन मार्केट
  • इन दरिंदों ने निर्भया पर किसी तरह की दया नहीं की थी। ऐसे में इन जैसे अपराधियों को दया याचिका दायर करने का अधिकार भी नहीं मिलना चाहिए। - रजनी चौहान, टीचर्स कॉलोनी
  • व्यवस्था में सक्रियता की बात तो खूब की जाती है, परंतु ये यहां नजर नहीं आ रही है। निर्भया जैसे सभी गुनहगारों को हैदराबाद जैसी सजा दी जानी चाहिए। - हेमलता पटैरिया, मंडी के पास
  • अपराध सिद्ध हो चुका है, सजा का एलान भी हो गया है। बावजूद, सजा देने में तारीख पर तारीख बढ़ाई जा रही है। ये व्यवस्था का दोष है। इसमें सुधार की आवश्यकता है। - सीमा द्विवेदी, नई बस्ती
  • अपराध होने के बाद पीड़ित पक्ष को आरोपियों की सजा का इंतजार रहता है। सजा में देरी से पीड़ित पक्ष टूटने लगता है। यही निर्भया मामले में हो रहा है। - कल्पना रिछारिया, अस्ता
  • दिल्ली जैसे दरिंदगी के मामले में हैदराबाद जैसा न्याय होना चाहिए। अपराधियों को जिंदगी नहीं मिलनी चाहिए। जल्द से जल्द उन्हें मौत दी जानी चाहिए। - मानसी शर्मा, पटकाना मुहल्ला 
  • सजा में देरी से अपराधियों के हौसले बढ़ते हैं। सजा इतनी त्वरित और कठोर होनी चाहिए, जिससे कि अन्य कोई अपराध के बारे में सोचे भी नहीं। - शाहिद मूंसरी, कटरा बाजार
  • अपराध के बाद से ही दोषियों ने एक दिन भी जीने का हक खो दिया था, लेकिन यहां स्थिति ये है कि सजा के एलान के बाद भी अमल नहीं हो पा रहा है। - सरिता पाल, कटरा बाजार
  • रसूख वाले लोग आज भी अपराध करने के बाद सजा से बच जाते हैं। ये स्थिति अपराध को बढ़ावा देती है। कठोर और त्वरित न्याय की व्यवस्था होनी चाहिए। - प्रिंसी खरे, गांधी नगर
  • निर्भया के गुनहगारों की लगातार लंबी होती जिंदगी पीड़ितों पर भारी पड़ रही है। दरिंदों को एक पल का भी अतिरिक्त जीवन नहीं मिलना चाहिए। - सरस्वती खरे, घुराई बाजार