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अंजलि बनीं परिवार की पहली महिला उद्यमी

Published - Sat 02, Mar 2019

मिलिए यूपी की स्टार्टअप क्वीन्स से...

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अंजलि सिंह के परिवार में सभी नौकरीपेशा हैं। वह घर की पहली सदस्य हैं, जिन्होंने उद्यमी बनने का फैसला किया। भोपाल में पैदाइश, लेकिन पढ़ाई-लिखाई लखनऊ में हुई। दस साल तक खुद मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की। 2009 में इनके जीवन में एक बड़ा बदलाव आया और इन्होंने उस बदलाव को गले से लगा लिया। नौकरी छोड़ी और नींव पड़ी जूट फार लाइफ की। इससे जहां पर्यावरण को तो फायदा हुआ ही, कई परिवारों को काम भी मिला।

गांव की गलियों से विदेश तक
अंजलि बताती हैं कि एक चाइनीज मुहावरा है ‘किसी को रोटी मत दो, उसमें रोटी कमाने का हुनर पैदा करो।’ इसी सोच ने मुझे ताक त दी और 400 परिवारों को जूट फार लाइफ सक्षम बना चुका है। अंजलि बताती हैं कि वीमेन आन विंग्स, नीदरलैंड की संस्था है। नौ साल की लंबी कोशिशों का नतीजा है कि नीदरलैंड की कंसल्टेंसी कंपनी ने हमसे संपर्क किया और वह हमें निशुल्क ट्रेनिंग दे रही है। अंजलि बताती हैं कि हम कोलकाता से जूट मंगाते हैं। हम मार्केट में नहीं बल्कि सेमिनार, कॉन्फ्रेंस व अन्य बड़े आयोजनों के लिए जूट बैग बनाकर सप्लाई कर रहे हैं। कठिनाई नहीं आई, क्योंकि हमें प्रशिक्षित कारीगर आसानी से मिल गए। हम खुद उन तक काम पहुंचाते हैं, उनसे कलेक्ट करते हैं और बेचते हैं।

‘हमारे देश में मानव संसाधन की कमी नहीं, उनका इस्तेमाल हो तो सबको रोजगार मिलेगा। खास कर महिलाओं में आर्थिक आत्मनिर्भरता आएगी।’

- अंजलि सिंह, जूट फार लाइफ