अपराजिता गोष्ठी
मैनपुरी। मन के हारे हार है, मन के जीते जीत...यह उदगार अपराजिता अभियान के तहत महिला सशक्तिकरण को लेकर आयोजित गोष्ठी में महिलाओं ने व्यक्त किए। कहा, महिलाएं कभी भी अपने मन में यह सोच विकसित न करें कि वह कमजोर हैं। आज महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। शहर के मोहल्ला खरगजीतनगर में अमर उजाला के अपराजिता अभियान के तहत 6 जनवरी को महिला सशक्तिकरण पर आयोजित गोष्ठी में महिलाओं ने यह बात रखी। एडवोकेट सीमा शुक्ला ने कहा कि महिला तभी सशक्त हो सकती है जब वह शिक्षित होगी। इसके साथ ही शारीरिक रूप से भी महिलाओं को सशक्त होना चाहिए। परिवार परामर्श केंद्र की सदस्य सुमन पालीवाल ने कहा कि सीता, रानी लक्ष्मीबाई न जाने कितने उदाहरण हैं, जिन्होंने महिला होते हुए मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि हमें अपने अंदर की शक्ति को पहचानना होगा। उर्मिला पांडेय ने कहा कि आज की नारी अबला नहीं सबला है। कार्यक्रम में सुमित्रा राठौर, तारा देवी चौहान, गौरी राठौर, स्वाती राठौर, पल्लवी पाठक, सुभद्रा कुमारी, मीनू शुक्ला, सविता भदौरिया, सुनीता श्रीवास्तव, अनीता चौहान, रामबेटी, निर्मला देवी, रजनी राठौर, शीला श्रीवास्तव, सरिता राठौर आदि ने भी विचार रखे। अंत में सभी ने अपराजिता शपथ ली। (6-1-19)
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.