प्रशिक्षण शिविर में कैडेट्स ने ली नारी गरिमा की रक्षा की शपथ
बरेली। अपराजिता: 100 मिलियन स्माइल्स मुहिम के तहत राजकीय इंटर कॉलेज परिसर में चल रहे 21वीं वाहिनी एनसीसी प्रशिक्षण शिविर में कैडेट्स ने महिला सुरक्षा और गरिमा को बरकरार रखने का संकल्प लिया। साथ ही व्याख्यान कार्यक्रम में कैंप अफसरों ने कैडेट्स को भारतीय संस्कृति का महत्व बताते हुए उसे बरकरार रखने को कहा।
शुक्रवार को कैंप में हुए व्याख्यान में कैडेट्स को पर्यावरण संरक्षण से होने वाले लाभ बताए गए। साथ ही यातायात नियमों की जीवन की सुरक्षा में अहमियत बताई गई। इस दौरान नारी गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखने की शपथ ली गई। सूबेदार मेजर गोपाल सिंह ने कहा कि छात्राएं किसी भी अप्रिय बात पर चुप न रहें, बल्कि आवाज उठाएं। वे समाज के हर क्षेत्र में अपनी भूमिका अदा करें, चाहे वो खेल हो या शिक्षा। कैडेट्स किसी भी क्षेत्र में करियर बनाएं, जहां भी रहें महिलाओं का सम्मान जरूर करें और लोगों को इसके इसके लिए जागरूक भी करें। डॉ. अंचल अहेरी ने कैडेट्स को डायल 100 और 1090 के विषय में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये टोल फ्री नंबर आम जनता और महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से बनाए गए हैं।
बीएचएम मोहन सिंह ने कहा कि प्रत्येक नारी अपने जीवन का लक्ष्य जरूर तय करे। साथ ही लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करे। वहीं मौजूद अन्य जवानों ने कैडेट्स को जल संरक्षण और प्रकृति के सिद्धांतों के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि प्रकृति हम सभी को समान रूप से अपना आशीष प्रदान करती है। मानव प्रकृति की सर्वोत्तम कृति है। प्रकृति से हमें जीवन यापन संबंधी सभी महत्वपूर्ण वस्तुएं प्राप्त होती हैं। इसके लिए हमें भी प्रकृति को हरा भरा रखने के लिए प्रयास करने होंगे। आवश्यकतानुसार ही जल एवं प्राकृतिक वस्तुओं का उपभोग करना चाहिए।
गर्ल्स कैडेट ने कहा: महिलाओं को बनाना होगा आत्मनिर्भर
जूनियर यूनिट ऑफिसर हिमांशी शर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार महिला सुरक्षा के लिए सजग है। कानून में संशोधन भी कर रही है, फिर भी महिलाएं असुरक्षित हैं। क्योंकि कहीं न कहीं कानून का दुरुपयोग हो रहा है तो कहीं महिलाएं भी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं है। शिवांशी यादव का कहना था कि घरेलू हिंसा की मुख्य वजह दहेज नहीं, बल्कि आपसी तालमेल की कमी है। नवविवाहिता ससुराल को मायका और ससुराली उसे बेटी की तरह समझें तो घरेलू हिंसा पर लगाम लग सकती है। हिमांशु सिंह का कहना था कि कानून का ढंग से पालन न होने से महिला हिंसा नहीं थम रही। वहीं देवांश ने महिलाओं के मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुलझाने का सुझाव दिया। इस दौरान सूबेदार शिव शंकर सिंह, हवलदार पीसी बार, हवलदार गुरदीप सिंह आदि कैंप स्टाफ समेत ढाई सौ कैडेट्स मौजूद रहे।
बीएचएम मोहन सिंह ने कहा कि प्रत्येक नारी अपने जीवन का लक्ष्य जरूर तय करे। साथ ही लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करे। वहीं मौजूद अन्य जवानों ने कैडेट्स को जल संरक्षण और प्रकृति के सिद्धांतों के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि प्रकृति हम सभी को समान रूप से अपना आशीष प्रदान करती है। मानव प्रकृति की सर्वोत्तम कृति है। प्रकृति से हमें जीवन यापन संबंधी सभी महत्वपूर्ण वस्तुएं प्राप्त होती हैं। इसके लिए हमें भी प्रकृति को हरा भरा रखने के लिए प्रयास करने होंगे। आवश्यकतानुसार ही जल एवं प्राकृतिक वस्तुओं का उपभोग करना चाहिए।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.