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बाराबंकी : बेटे-बेटी में मिटाएं भेद

Published - Mon 21, Jan 2019

भाषण प्रतियोगिता में बोलीं बेटियां

बाराबंकी। जब घर में ही बेटा और बेटी में फर्क रखा जाता है तो, समाज से अच्छाई की उम्मीद क्यों करें। महिलाओं का शोषण करने वाले हमारे बीच के लोग ही हैं, ऐसे कार्यक्रम में बेटों को भी बैठाकर जागरूक करने की जरूरत है। बेटे समाज में निकले तो दूसरी बेटियों को भी अपनी बहन समझ उसके सम्मान की रक्षा करें। अपराजिता अभियान के तहत 18 जनवरी को पायनियर इंटर कॉलेज में नारी सशक्तीकरण को लेकर भाषण प्रतियोगिता में छात्राओं ने पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों को अपने बीच पाकर महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार के खिलाफ बेबाक होकर विचार साझा किए। इस दौरान कहा गया कि समाज के शिक्षित होने का ग्राफ जैसे जैसे बढ़ा, बेटियों का अनुपात गिरता गया। महिलाओं को शिक्षा के साथ संस्कार की भी जरूरत है। एसडीएम न्यायिक ने शिक्षा और टेक्नोलॉजी का गलत प्रयोग का नतीजा भी बताया। एएसपी दिगंबर कुशवाहा, कॉलेज प्रबंधक बृजेंद्र सिंह और प्राधानाध्यापिका रेखा मिश्रा ने समाज में महिलाओं के प्रति फैली कुरीतियों को दूर करने को प्रेरित किया। (18-1-19)