कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में संपूर्ण लॉकडाउन है, ऐसे में जो परिवार लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे उन्हें भी लॉकडाउन का पालन करने की जरूरत है। क्योंकि, इससे ही हम सभी कोरोना वायरस के संक्रमण से बच सकते हैं।
ललितपुर। शनिवार को ‘अमर उजाला’ द्वारा शहर में अपराजिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें अनेक महिलाओं ने प्रतिभाग किया। महिलाओं ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में संपूर्ण लॉकडाउन है, ऐसे में जो परिवार लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे उन्हें भी लॉकडाउन का पालन करने की जरूरत है। क्योंकि, इससे ही हम सभी कोरोना वायरस के संक्रमण से बच सकते हैं। सभी की भलाई इसी में है कि सब लोग लॉकडाउन का पालन करें। बचाव के प्रति अपनी स्वयं की जिम्मेदारी निभाएं।
महिलाओं ने कहा कि वे लॉकडाउन का पालन कर रहीं हैं। लोगों को जागरूक भी कर रहीं हैं। परिवार के सभी सदस्य घर के अंदर ही रहकर लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। घर के सदस्यों का टाइमपास करने के लिए रोज कुछ न कुछ खास पकवान बना रही हैं। बच्चों को भी बाहर निकलने से रोके रखने के लिए जो पुराने खिलौने अंदर बंद करके रखे हुए थे, उन्हें भी अब बाहर निकाल लिया है, जिससे बच्चे घर के अंदर ही खेलने में व्यस्त रहें।
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए महिलाएं तो अपनी जिम्मेदारी समझ रहीं हैं। वे लॉकडाउन का पालन करते हुए घर में ही बच्चों का ध्यान रख रहीं हैं। घर में बच्चों को मनाने के लिए आज कहीं इडली बनी, तो कहीं समोसे, कहीं बनती दिखी चाऊमीन तो कोई घर में ही मावे का केक बना रहीं हैं। महिलाओं ने कहा कि इस समय बच्चों की फरमाइश पूरी करना बहुत जरूरी है। ताकि, बच्चे घरों से बाहर न निकलें और उन्हें संक्रमण का भी किसी भी प्रकार का खतरा न हो। महिलाओं ने कहा कि वे लॉकडाउन का पालन कर रहीं हैं और परिवार के सदस्यों सहित बच्चों को भी घरों में सुरक्षित रखे हुए हैं। परिवार के सदस्य घर से बाहर नहीं निकल रहे, महिलाओं ने कहा कि लॉकडाउन का सही तरीके से पालन करना ही कोरोना वायरस से बचाव है। इसलिए सभी को लॉकडाउन का पालन करना बहुत जरूरी है। इस दौरान शहर की अनेक महिलाएं उपस्थित रहीं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.