संपूर्ण विश्व में कोरोना वायरस जैसी महामारी फैली हुई है, इससे बचाव के लिए लॉकडाउन है। हर नागरिक लॉकडाउन का पालन कर रहा है, लेकिन समाज में कुछ अपवाद भी हैं जो पालन नहीं कर रहे हैं। कोरोना वायरस से जंग जीतने के लिए लॉकडाउन का पालन करना बेहद जरूरी है।
ललितपुर। रविवार को ‘अमर उजाला’ द्वारा शहर में अपराजिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें अनेक महिलाओं ने प्रतिभाग किया। महिलाओं ने कहा कि संपूर्ण विश्व में कोरोना वायरस जैसी महामारी फैली हुई है, इससे बचाव के लिए लॉकडाउन है। हर नागरिक लॉकडाउन का पालन कर रहा है, लेकिन समाज में कुछ अपवाद भी हैं जो पालन नहीं कर रहे हैं। कोरोना वायरस से जंग जीतने के लिए लॉकडाउन का पालन करना बेहद जरूरी है।
लॉकडाउन ही सिर्फ कोरोना वायरस का इलाज है। इसी से हमारा बचाव हो सकता है इसलिए सब लोग घरों में ही रहें और 14 अप्रैल तक लॉकडाउन का पालन करें, जिससे न सिर्फ हम सुरक्षित रहेंगे, बल्कि हमारा मोहल्ला, शहर, प्रदेश, देश और सभी लोग सुरक्षित रहेंगे। कोरोना वायरस जैसी महामारी ने हमारे पूरे देश में अपने पैर पसार लिए हैं, इस वायरस को देश से भगाने के लिए एकमात्र उपाय लॉकडाउन ही है। इसलिए सभी लोग घरों में ही रहकर लॉकडाउन रहिए, इसका पालन करिए।
सभी को घरों में रहते हुए मास्क का प्रयोग करना चाहिए और हर आधे घंटे में साबुन या सैनेटाइजर से अपने हाथों को बार-बार साफ करते रहना जरूरी है। कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखें और अपने घरों पर ना किसी को बुलाएं और ना ही किसी के घर जाएं। वह भी लॉकडाउन का पालन कर रही हैं और अपने घरों में रहते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहीं हैं एवं दूसरों को भी जागरूक करने के साथ-साथ उनको बचाव के तरीके बता रही हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.