साइबर क्राइम और बच्चों पर बढ़ रहे अपराध ने समाज के बुद्धिजीवी वर्ग को भी झकझोर दिया है। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब किसी बच्ची या किशोरी से दुष्कर्म या छेड़छाड़ की घटना न होती हो। पुलिस अपने स्तर से क्राइम को रोकने के लिए प्रयास करती है, लेकिन छात्र-छात्राएं अगर खुद जागरूक हो जाएं तो इन घटनाओं को रोका जा सकता है।
गाजियाबाद। साइबर क्राइम और बच्चों पर बढ़ रहे अपराध ने समाज के बुद्धिजीवी वर्ग को भी झकझोर दिया है। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब किसी बच्ची या किशोरी से दुष्कर्म या छेड़छाड़ की घटना न होती हो। पुलिस अपने स्तर से क्राइम को रोकने के लिए प्रयास करती है, लेकिन छात्र-छात्राएं अगर खुद जागरूक हो जाएं तो इन घटनाओं को रोका जा सकता है। यह बातें 47वीं वाहिनी पीएसी के उप सेनानायक केशव चंद गोस्वामी ने ‘अमर उजाला’ द्वारा सरस्वती शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज में आयोजित पुलिस की पाठशाला में कहीं। उन्होंने कहा वर्तमान में महिलाएं ही नहीं, छोटी बच्चियों पर अपराध बढ़े हैं। महिला सुरक्षा के नाम पर प्रदेश व केंद्र सरकार एक तरफ सख्त कदम उठाती है, लेकिन घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही। इन घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकती है अगर महिलाओं को जागरूक बनाया जाए। उन्हें सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाए। महिला सुरक्षा के लिए चलाई जा रही विभिन्न हेल्प लाइन नंबर और कई महत्वपूर्ण जानकारियां उप सेनानायक, स्कूल की तरफ से अमित शर्मा, प्रबंधक विनीत शर्मा और केके अरोड़ा ने छात्र-छात्राओं को दी।
जनता बिना वर्दी की पुलिस
पाठशाला में उप सेनानायक केशव चंद गोस्वामी ने बताया कि जनता बिना वर्दी की पुलिस है। आपराधिक घटनाएं तभी रुक सकती हैं, जब पब्लिक का सहयोग मिले। समाज को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए कानून बनाने की जरूरत पड़ी। प्रदेश सरकार ने भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए हेल्प लाइन नंबर 1090 चला रखी है। साथ ही प्रत्येक स्कूल में छात्राओं को पावर एंजिल बनाया जा रहा है। ये पावर एंजिल अन्य छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देती हैं। इसके अलावा हेल्प लाइन नंबर 181, 100 है। अगर पुलिस प्रशासन आपकी शिकायत न सुने तो मुख्यमंत्री हेल्प लाइन नंबर 1076 पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। आपराधिक घटनाएं इसलिए बढ़ी, क्योंकि लोगों के नैतिक मूल्य गिरे। महिलाओं को खुद को मजबूत बनना होगा। इस दौरान गोस्वामी ने विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासा भी शांत की।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.