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बाराबंकी : सभी को बहन समझें

Published - Mon 21, Jan 2019

सेल्फ कॉन्फिडेंस वर्कशाप

बाराबंकी। बेटियों पर हर तरह की पाबंदी की बजाय माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य बेटों को भी समझाएं कि वे हर लड़की को अपनी बहन की तरह ही समझें। अगर बेटों की सोच को बदला जाएगा तो अपराध भी कम हो जाएंगे। अपराजिता अभियान के तहत 16 जनवरी को बीआरजी पब्लिक इंटर कॉलेज में 'बेटी को सशक्त बनाने में शिक्षा कितनी जरूरी' सेल्फ डिफेंस वर्कशॉप में वक्ताओं ने यह बात रखी। तराई क्षेत्र की बेटियों को अमर उजाला ने मंच उपलब्ध कराया तो उन्होंने अपने विचारों और गीतों के माध्यम से अधिकार मांगे। बेटियों ने पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा, उडऩ परी पीटी ऊषा जैसी नारियों को नजीर के तौर पर पेश करते हुए कहा कि हमें भी अवसर मिले तो आसमान छू सकते हैं। एसडीएम रामनगर ने कहा कि बेटियों का सशक्तीकरण तभी संभव होगा, जब उन्हें पढ़ाने के लिए समाज आगे आएगा। क्षेत्राधिकारी फतेहपुर ने बेटियां से छींटाकशी, छेड़छाड़ जैसे अपराधों को सहने के बजाए आवाज उठाने को कहा। विद्यालय परिसर में मौजूद छात्र-छात्राओं और स्टाफ ने नारी गरिमा को बनाए रखने की शपथ ली। (16-1-19)