इन दिनों आधी आबादी कोरोना की जंग में अपने-अपने तरीके से भाग ले रही है। कोई मास्क बना रहा है, तो कोई सड़क पर उतरकर लोगों को लॉकडाउन का पालन करने की नसीहत दे रहा है। किसी ने गरीबों का पेट भरने का बीड़ा उठाया है, तो कोई लोगों को कोरोना से बचाने के लिए पहल कर रहा है। इन सबके बीच जिले में छात्राओं का एक समूह लोगों को पेंटिंग और पोस्टर के जरिए जागरूक करने में जुटा है।
झांसी। घरों में रहें तो कोरोना से बच पाएंगे। कोरोना को है हराना, तो लॉकडाउन को अपनाना। कुछ यही संदेश इन दिनों जिले की छात्राओं और युवतियों की जुबां पर हैं। इन संदेशों को वे कैनवास पर उकेर कर लोगों को कोरोना से बचाव के प्रति जागरूक कर रही हैं। खुद भी घर में बंद हैं, तो लोगों को भी घर में रहने के लिए प्रेरित करने में छात्राएं कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। लोगों तक संदेश पहुंचाने का जरिया भी सोशल मीडिया को बनाया गया है। ताकि सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का पालन भी होता रहे।
महानगर में इन दिनों आधी आबादी कोरोना की जंग में अपने-अपने तरीके से भाग ले रही है। कोई मास्क बना रहा है, तो कोई सड़क पर उतरकर लोगों को लॉकडाउन का पालन करने की नसीहत दे रहा है। किसी ने गरीबों का पेट भरने का बीड़ा उठाया है, तो कोई लोगों को कोरोना से बचाने के लिए पहल कर रहा है। इन सबके बीच जिले में छात्राओं का एक समूह लोगों को पेंटिंग और पोस्टर के जरिए जागरूक करने में जुटा है। छात्राएं लॉकडाउन के समय का सदुपयोग भी कर रही हैं, तो लोगों को कोरोना से बचाव के संदेश देने वाले पोस्टर बनाकर जागरूक कर रही हैं। पोस्टर बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया जाता है। ताकि यह अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके। छात्रा नंदिनी कुशवाहा कहती हैं कि लोगों को कोरोना से बचाव के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है। इसलिए पोस्टर और पेंटिंग के जरिए उनको कोरोना के खतरे से रूबरू करा रहे हैं।
कहती हैं छात्राएं
कोरोना से जंग में जुटीं हैं वीर नारियां
झांसी। कोरोना से जंग में तमाम नारियां योद्घा बनकर जुटी हैं। कोई अस्पताल में मरीजों की देखभाल कर रही है। तो कोई लॉकडाउन का पालन कराने के लिए सड़क मुस्तैद रहकर लोगों को सतर्क कर रही हैं। कोरोना को मात देने में अपराजिता बनकर नारियां अपने कर्तव्य को पूरा करने में पीछे नहीं हैं।
बेटी का मोह छोड़कर मरीजों की देखभाल कर रहीं ममता
जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में तैनात स्टाफ नर्स ममता कोरोना की जंग में पूरे मनोयोग से जुटी हैं। ममता वर्मा ने ड्यूटी के चलते ढाई साल की बेटी जयस्का को अपने देवर के घर छोड़ दिया है। आलम यह है कि न तो खाना-पीना ठीक से हो पा रहा है। साथ ही अस्पताल में संसाधन हैं। उनका कहना है कि कोरोना की जंग में अपने स्तर से वह पूरी तरह मरीजों के स्वास्थ्य की देखभाल कर रही हैं।
घर पर नहीं दे पा रहीं ध्यान, कोरोना से जंग में पूरा योगदान
जिला अस्पताल में तैनात नर्स चंद्रप्रभा भी पूरी तरह से कोरोना से लड़ने में योगदान दे रही हैं। ड्यूटी के चलते वे न तो घर पर ध्यान दे पा रही हैं और न ही खाना ठीक से मिल रहा है। एक माह से उन्होंने घर के काम किए ही नहीं हैं। रोज सुबह ड्यूटी के निकल पड़ती हैं। उनका कहना है कि कोरोना की जंग को हर संभव तरीके से जीतना है। पूरी मेहनत और लगन से काम कर रहे हैं।
गरीबों की मदद कर रहीं अनीता
स्टाफ नर्स के साथ ही सड़क पर उतरकर लोगों को लॉकडाउन का पालन कराने के लिए महिला पुलिसकर्मी भी जुटी हैं। सड़क पर मुस्तैद रहकर अनीता निगम गरीबों की मदद भी कर रही हैं। पहले आठ घंटे की ड्यूटी होती थी, लेकिन अब 12 घंटे ड्यूटी कर कोरोना से जंग में योगदान दे रही हैं। उनका कहना है कि लॉकडाउन का पालन कराने के लिए लोगों को जागरूक करते हैं।
कर्तव्य निभाने से पीछे नहीं हैं शशि
सीपरी बाजार में तैनात महिला कांस्टेबल शशि भी कोरोना की जंग में कर्तव्य निभाने में पीछे नहीं हैं। वे जगह-जगह तैनात रहकर लोगों को लॉकडाउन के लिए प्रेरित करती हैं। साथ ही लॉ एंड आर्डर को नियंत्रित करने के लिए लोगों को जागरूक कर रही हैं। वे कहती हैं कि कोरोना से जंग लड़ने में पूरी तरह से जुटे हैं। लोग घर में रहें।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.