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नारी बने सशक्त, निर्भीक होकर करें परेशानियों का सामना

Published - Fri 13, Mar 2020

नारी को किसी से डरने  की जरूरत नहीं है। जब भी कोई मुसीबत आए तो घबराएं नहीं, बल्कि मुसीबत का स्वयं डटकर मुकाबला करें। जब भी अकेले रास्ते में कोई परेशान करे तो उसको सबक सिखाएं।

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ललितपुर। अमर उजाला के ‘अपराजिता-100 मिलियन स्माइल्स’ मुहिम के तहत शहर के नगर पालिका बालिका इंटर कॉलेज में अध्यापिकाओं ने नारी  गरिमा को अक्षुण्य बनाए रखने की शपथ ली। शपथ दिलाते हुए कॉलेज की प्रधानाचार्य नमीता गुप्ता ने कहा कि नारी को किसी से डरने  की जरूरत नहीं है। जब भी कोई मुसीबत आए तो घबराएं नहीं, बल्कि मुसीबत का स्वयं डटकर मुकाबला करें। उन्होंने कहा कि जब भी अकेले रास्ते में कोई परेशान करे तो उसको सबक सिखाएं। उन्होंने वूमेन पावर  लाइन 1090, महिला हेल्पलाइन 181, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, डायल 112 आदि के  बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर बिना किसी संकोच के इन नंबरों का उपयोग करें।
इसके बाद सभी ने अपराजिता मुहिम से जुड़ने के लिए शपथ पत्र भरे। इस दौरान नमीता गुप्ता, हर्षिता गुप्ता, अनीता कटारे, ममता, तिवारी, पुष्पा हुंडैत, रुचि गुप्ता, रीना हुंडैत, श्वेता जैन, सोनम साहू, गीता वर्मा, शमा परवीन, शिमला राठौर, नंदनी राठौर, किरन जैन, मीरा वैद्य, रिचा कुशवाहा, पूनम नामदेव आदि मौजूद रहीं।

  • बेटियां डरे नहीं, बल्कि निडर होकर अपराध के खिलाफ खड़ी हों। जब तक  शिकायतकर्ता मजबूती से खड़ा नहीं होता, कानून अपना काम ठीक से नहीं कर  पाएगा। महिला हिंसा तभी रुक सकती है, जब  पुरुष सोच बदलें और समाज में महिलाओं को भी समान अधिकार मिले। - पुष्पा हुंडैत
  • नारी का सम्मान सभी को करना चाहिए, क्योंकि नारी का सम्मान ही देश का समान है। सतर्क रहकर सुरक्षित रहें और जीवन में शिक्षा के बल पर आत्मनिर्भर बनकर पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चलें, तभी इन आयोजन का  उद्देश्य पूरा होगा। - हर्षिता संज्ञा
  • कार्यक्रम  में शामिल होकर अच्छा लगा। इससे हम सभी का हौसला बढ़ा है। छात्राओं और महिलाओं को सशक्त बनाने और मजबूती प्रदान करने के लिए अपराजिता अभियान मील का पत्थर साबित हो रहा है। - सोनम साहू
  • अपराजिता अभियान से जुड़कर अच्छा लगा। किसी भी प्रकार की  आपराधिक घटनाओं के खिलाफ सबसे पहले स्वयं हिम्मत जुटाकर सामना करने की हिम्मत इस कार्यक्रम से मिली है। -  सुलेखा साहू
  • भारतीय नारी को देवी की  संज्ञा दी गई है। सभी को अपने व्यक्तित्व का मजबूती के साथ विकास करना  होगा। बेटियों  की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे अच्छी शिक्षा हासिल कर परिवार, समाज और देश का  नाम रोशन करें। - रुचि गुप्ता
  • रास्ते में होने वाली छींटाकशी आदि को न तो बर्दाश्त करें  और न ही छिपाएं, क्योंकि इसको लेकर जरा सी लापरवाही बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है। - रिचा कुशवाहा
  • बेटियां  जब तक संकोच त्यागकर खुद आगे नहीं बढ़ेंगी, तब तक समाज उन्हें बराबरी का  दर्जा नहीं देगा। इसलिए बेटियों को भी शुरु से ही बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए। - गीता वर्मा
  • दो दशक में महिलाओं के प्रति नजरिए में परिवर्तन आया है,  लेकिन अभी यह शुरुआती दौर है। बदलाव की इस कहानी को नया आयाम देने की जिम्मेदारी बेटियों पर ही है। - अनीता कटारे
  • बालिकाओं को उच्च  शिक्षा देने के लिए अभी अभिभावकों को जागरूक करने की आवश्यकता है। महिला  जागरूकता अभियान से नारी आत्मनिर्भर और सशक्त बनेगी। देश  के महापुरुषों ने हमेशा नारी शिक्षा पर बल दिया है। - ममता तिवारी
  • चुप्पी किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। घरेलू हिंसा चाहे अपने घर में हो या पड़ोस में, जरूर आवाज उठाएं। किसी भी प्रकार की परेशानी का स्वंय डटकर सामना करें। - शिमला राठौर
  • अपराजिता  वही है, जो किसी से डरे नहीं और न कभी हार माने। ऐसे कार्यक्रमों से नारी को सभ्य  नागरिक बनाने में मदद मिलेगी। नारी को अपनी गरिमा को  बनाए रखने के लिए आत्मविश्वास बनाए रखना होगा। - नमीता गुप्ता, प्रधानाचार्य