Aparajita
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पुलिसिंग के साथ-साथ समाज को बदल रहीं रीमा

Published - Sat 09, Mar 2019

अपराजिता बहादुर बेटियां

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जितनी सख्त, उतनी ही कोमल हैं मुन्नार की पहली महिला आईपीएस अधिकारी। वर्तमान में गढ़वाल में पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात हैं। पुलिसिंग के साथ-साथ सामाजिक बदलावों के लिए भी जाना जाता है। चयन के बाद वे ग्रेहाउंड्स (माओवादियों के खिलाफ एक विशिष्ट बल)में बतौर कमांडर तैनात रहीं। अब तक 1200 से अधिक बाल विवाह रुकवा चुकी हैं। देवदासियों को शारीरिक व मानसिक प्रताडऩा से मुक्त कराकर उनके व्यावसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की। इसके अलावा स्कूल की जर्जर पड़ी इमारतों को बनवाना और बच्चों के लिए पानी व शौचालय की व्यवस्था करवाना हो, रीमा हर जगह आगे रहती हैं।

दादी से सुनी कहानियों ने बदली सोच
केरल के खूबसूरत से शहर मुन्नार में पली बढ़ी रीमा के मुताबिक, अक्सर दादी से ब्रिटिश युग के दौरान सिविल सेवकों की कहानियां सुना करती थीं। सिविल सेवा में जाने का ख्वाब बचपन से ही देखने लगी थी। जब चयन हुआ तो मुझे पुलिस सेवा में भेजा गाय। मैं खुश नहीं थी, या ये कहिए रोमांचित नहीं थी। धीरे-धीरे इसमें खोती चली गई और वर्दी और इसकी जिम्मेदारियों से प्यार हो गया।

'लोगों को इससे कोई मतलब नहीं कि आप महिला हैं या पुरुष। यह तो बस नजरिए का फर्क है। जैसा आप परफॉर्म करेंगे आपकी इमेज भी वैसी ही होगी।'

रीमा राजेश्वरी
पहली महिला आईपीएस, मुन्नार