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मलिन बस्ती के बच्चों के ख्वाब पूरे कर रहीं आयुषी

Published - Mon 25, Mar 2019

अपराजिता चेंजमेकर्स

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काशीपुर। आयुषी नागर उन वंचित बच्चों के ख्वाबों को साकार कर रहीं हैं, जिनकी हसरतें साधनों के अभाव में दम तोड़ रही हैं। वह मलिन बस्तियों में रहने वाले मजदूरों के बच्चों को शिक्षित और संस्कारित कर रही हैं। आयुषी का परिवार सामाजिक कार्यों से जुड़ा है। कानून की छात्रा आयुषी बताती हैं कि साधनों के अभाव में शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षित करने के लिए उनकी जद्दोजहद जारी है। उन्होंने अपने साथियों की मदद से 'ख्वाहिशें एनजीओ' का गठन किया है। टांडा उज्जैन स्थित मलिन बस्ती में अपनी टीम की मदद ये वह गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए दोपहर तीन से शाम सात बजे तक कक्षाएं चलाती हैं। बीते वर्ष उन्होंने वहां मकान किराए पर लिया और बच्चों के लिए कक्षाएं संचालित की है। उनकी टीम के साथी अभिषेक बत्रा, हार्दिक सचदेवा, लोकेश पाल के अलावा उनकी मां कुमकुम भी कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाते हैं। उनकी एनजीओ में कक्षा आठ  तक के 45 बच्चे पढ़ रहे हैं। इनमें से 15 बच्चों का प्रवेश उन्होंने तुलाराम राजाराम सरस्वती विद्या मंदिर, तारावती सरोजनी देवी कॉलेज व सरस्वती शिशु मंदिर में कराया है। आयुषी की मां कुमकुम नागर आईटीआई से सेवानिवृत्त हैँ। आयुषी व कुमकुम नवचेतना सांस्कृतिक मंच की सदस्य भी हैं। वह परिवारों से अलग रहने वाली वृद्धाओं को पेंशन दिलाने का काम करती हैँ। साथ ही हादसों में घायल होने वाले पशुओं के रेस्क्यू के साथ उनके संरक्षण का काम कर रही हैं।