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राजकीय स्कूलों में सीखा योग, 100 बेटियों ने मिलकर बनाया योग केंद्र

Published - Sun 07, Apr 2019

लोगों को निरोगी बनाने की ठानी, यूट्यूब पर भी दे रहीं प्रशिक्षण

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फरीदाबाद। आर्थिक अभाव से जूझती जिंदगी में अपने हुनर को तलाशने वाली फरीदाबाद की सौ बेटियां योग से नया कीर्तिमान स्थापित करने में जुटी हैं। इन बेटियों ने न सिर्फ राजकीय स्कूलों में योग सीखा है, बल्कि किताबों में सिखाई गई प्रबंधन की थ्योरी को लागू कर सर्वांग योगा नाम का एक सेंटर बनाया है। यहां योग सीखने शहर के बड़े-बड़े पूंजीपति, युवा व अन्य लोग आते हैं। यह बेटियां योग की ट्रेनिंग देकर आर्थिक अभाव से उबर रही हैं। साथ ही साझे प्रयास के जरिए एक दूसरे को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित कर रही हैं। इन सभी छात्राओं के निरंतर प्रयास को इनकी योग शिक्षिका ने तरक्की की ओर बढ़ाया है। यही कारण है कि जिन राजकीय स्कूलों से यह बेटियां योग सीख कर निकली हैं, वहां आज पढ़ रही छात्राएं यूट्यूब से योग के गुर सीख रही हैं।

वर्ष 2005 से 2019 के बैच की हैं यह योग छात्राएं
एनआईटी-5 व ओल्ड फरीदाबाद के राजकीय स्कूलों में पढ़ी यह बेटियां अलग-अलग बैच की हैं। राजकीय स्कूलों में इन छात्राओं की योग गुरु रहीं इंदिरा सक्सेना अब अनखीर स्कूल में हैं। इंद्र बताती हैं कि वर्ष 2005 में ओल्ड फरीदाबाद के राजकीय स्कूल में योग सीखने वाले विद्यार्थियों में एक अलग ही ललक थी। इसे देख उन्होंने अतिरिक्त समय निकालकर इन बच्चियों को योग में पारंगत करने की ठानी। इसके बाद एनआईटी-5 स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ विद्यालय में उनका ट्रांसफर हुआ और नए स्कूल की छात्राओं में भी वही ज्जबा देखने को मिला। इन छात्राओं ने राज्य व राष्ट्र स्तर पर कई योग पुरस्कार हासिल किए। अब क्योंकि छात्राएं स्कूल पास आउट हो गई तो इन्होंने अपनी योग गुरु की मदद से एक प्रोफेशनल योग सेंटर शुरू किया। इसका सर्वांग योगा नाम दिया। एनआईटी-5 में छात्राओं ने एक ट्रायल कर योग सिखाना शुरू किया। सफलता मिलने पर अब शहर में दो जगह योग केंद्र स्थापित किए, जिसे अब राजकीय स्कूल से पढ़ी शहर की करीब 100 बेटियां चला रही हैं।

उच्च शिक्षा के लिए एक-दूजे को करते हैं प्रेरित
योग में पारंगत ये बेटियां एक दूसरे को अब उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित कर रही हैं। इंदिरा बताती हैं कि प्रीति ठाकुर और रजनी योग में राष्ट्रीय पदक विजेता हैं। दोनों ने हाल ही में एमए योग की डिग्री हासिल की है। इसी तरह करुणा, प्रियंका और भावना भी एमए की शिक्षा ले रही हैं। सेंटर पर योग सिखा रही अन्य छात्राओं को भी उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

राजकीय स्कूल की छात्राओं में हुनर देख दंग रह गईं योग शिक्षक
वर्ष 1984 से योग शिक्षक के रूप में काम कर रही इंदिरा सक्सेना ने करीब दस वर्ष शहर के हाई-फाई स्कूलों में योग सिखाया है। वर्ष 1993 से इंदिरा ने सरकारी शिक्षक की नौकरी हासिल की। राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों में हुनर देख शिक्षिका दंग रह गई। इंदिरा बताती हैं कि उन्होंने वर्ष 2005 के बाद राजकीय स्कूल विद्यार्थियों को निखारने का सही माहौल मिला। इसके बाद इन स्कूलों के विद्यार्थियों ने भी पूरा सहयोग दिया। इसमें से सबसे अधिक लगन उन्हें छात्राओं में देखने को मिली। इसे देख इंदिरा ने पूरे प्रयास किए और हर वर्ष राज्य व राष्ट्र स्तर पर छात्राएं अपने हुनर में पदक जीतने लगीं। आज वही छात्राएं नए योग गुरु के रूप में खुद को स्थापित कर चुकी हैं।