अपराजिता चेंजमेकर्स
लेबर कॉलोनी में संचालित उच्च प्राथमिक विद्यालय कटरा पठानान मात्र दो कमरों का स्कूल है। यहां शिक्षिका कल्पना राजौरिया एक मात्र शिक्षिका हैं। जब स्कूल ज्वाइन किया तो उस समय मात्र दो ही बालिकाएं पंजीकृत थीं। बालिकाएं पांचवीं पढ़ने के बाद घर पर चूड़ी का काम करने लग जाती थीं। कल्पना ने बेटियों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया। अभिभावकों से संपर्क कर शिक्षा का महत्व समझाया और स्कूल में बेटियों का दाखिला दिलाया। जिन बेटियों के पिता नहीं थे, उन बेटियों की मां की विधवा पेंशन शुरू कराई। स्कूल में शौचालय नहीं था तो कल्पना ने अपने संसाधनों से मॉडर्न शौचालय बनवाए। स्कूल में सीट का इंतजाम भी कराया। बालिकाएं सशक्त बनें, इसलिए वह आत्मरक्षा के शिविर भी लगवाती हैं। किशोरी जागरूकता शिविर भी समय-समय पर लगते हैं। हर छात्रा के जन्म दिवस पर स्कूल में वह अपनी ओर से पार्टी करती हैं। बालिकाएं सशक्त बनें, इसलिए वह आत्मरक्षा के शिविर भी लगवाती हैं। किशोरी जागरूकता शिविर भी समय-समय पर लगते हैं। एक गरीब छात्रा का सीबीएसई स्कूल में निजी खर्च पर दाखिला कराया। वर्तमान में स्वीप की जिला ब्रांड एंबेसडर बनकर मतदान के प्रति अभियान चला रही हैं। जरूरतमंदों को करीब 15 बार रक्तदान कर चुकी हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.