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कौशल्या ने पहाड़ की बेटियों को दिखाया कॅरिअर का रास्ता

Published - Mon 18, Mar 2019

अपराजिता चेंजमेकर्स

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उत्तराखंड में बागेश्वर निवासी कौशल्या सिंह अब कूर्मांचलनगर की हो चुकी हैं। नर्सिंग के क्षेत्र में सक्रिय रहकर उन्होंने पूरे 60 साल मरीजों की सेवा की है और अब 80 वर्ष की होने के बाद अप्रैल 2018 में रिटायर हुई हैं। कौशल्या सिंह पहले सरकारी नर्स थीं और 35 साल सेवा नर्सिंग की ट्रेनिंग देने के बाद शहर के एक नर्सिंग कॉलेज से जुड़ गईं। इसके बाद उन्होंने नर्सिंग के क्षेत्र में पहाड़ की बेटियों को रास्ता दिखाना शुरू किया। उत्तराखंड से कई लड़कियों को बरेली लाईं और हरसंभव मदद करके उन्हें नर्सिंग का कोर्स कराकर आजीविका का साधन जुटाया। इस तरह उन्होंने पहाड़ की तमाम युवतियों के लिए तरक्की की रास्ता प्रशस्त किया।