अपराजिता चेंजमेकर्स
चंडीगढ़। कृष्णा पिछले 3 सालों से पंचकूला के अलग-अलग गांवों में अलसुबह अखबार बांटने जाती हैं। पहले वह स्कूल में आया का काम करती थीं। वह हमेशा से ही खुद मेहनत करके कुछ अलग कर दिखाने की इच्छा रखती आई हैं। इसलिए 2016 में उन्होंने अपने पति के कहने पर उनके साथ न्यूज एजेंसी के लिए काम करना शुरू किया। कृष्णा क्षेत्र की एकमात्र ऐसी महिला हैं, जो अलसुबह ऐसे इलाकों में पैदल जाकर अखबार बांटती हैं, जहां न तो सड़कें बनी हैं और न ही वाहन के आने-जाने की कोई सुविधा है। कृष्णा का कहना है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, बस दिल में काम करने की इच्छा होनी चाहिए। समाज और लोगों की बातों को अनदेखा करके महिलाओं को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। इसी साल फरवरी महीने में उनकी बेटी की शादी हुई। इस पर हुए खर्चे में उन्होंने अपने पति को आर्थिक रूप से सहयोग भी दिया।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.