अपराजिता चेंजमेकर्स
चंडीगढ़। पंचकूला की श्वेता गुलाटी, शादी के बाद जब उन्होंने पति के घर में कदम रखा तो एक घरेलू महिला ही थीं। व्यापार क्या होता है, इंडस्ट्री क्या है, इससे उनका कोई ताल्लुक नहीं था, पर उनको यह नहीं पता था कि एक दिन घर के साथ-साथ बिजनेस की जिम्मेदारी भी उठानी होगी। शादी के कुछ समय बाद श्वेता के पति ने उनको फैक्ट्री में बुलाया। जब वे पहुंची तो पति उनके साथ बिजनेस की जानकारियां शेयर करने लगे। धीरे-धीरे श्वेता की रुचि कारखाने के काम में बढ़ गई। श्वेता ने एक दिन अपने पति को आइडिया दिया कि यदि महिला वर्कर रखी जाएं तो बेहतर होगा। इससे काम में तेजी आएगी। श्वेता ने अपने पति से पूछा कि क्या वह आसपास की झुग्गियों में रहने वाली महिलाओं से बात करें। पति ने हां कहा तो श्वेता ने उनके साथ संपर्क साधा। श्वेता ने समझाया तो महिलाएं फैक्ट्री में काम करने के लिए राजी हो गईं। जब कुछ दिन महिलाओं ने काम किया तो उनको अच्छा लगने लगा। उन महिलाओं को देखते-देखते दूसरी महिलाएं भी आने लगीं। श्वेता कहती हैं कि इससे दो फायदे हुए। एक ये कि महिलाओं को रोजगार मिल गया, वे सशक्त हो गईं। दूसरा ये कि उनमें आत्मविश्वास आया कि वे भी कुछ कर सकती हैं। पति के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकती हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.