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श्वेता ने झुग्गी झोपड़ी की महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

Published - Tue 02, Apr 2019

अपराजिता चेंजमेकर्स

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चंडीगढ़। पंचकूला की श्वेता गुलाटी, शादी के बाद जब उन्होंने पति के घर में कदम रखा तो एक घरेलू महिला ही थीं। व्यापार क्या होता है, इंडस्ट्री क्या है, इससे उनका कोई ताल्लुक नहीं था, पर उनको यह नहीं पता था कि एक दिन घर के साथ-साथ बिजनेस की जिम्मेदारी भी उठानी होगी। शादी के कुछ समय बाद श्वेता के पति ने उनको फैक्ट्री में बुलाया। जब वे पहुंची तो पति उनके साथ बिजनेस की जानकारियां शेयर करने लगे। धीरे-धीरे श्वेता की रुचि कारखाने के काम में बढ़ गई। श्वेता ने एक दिन अपने पति को आइडिया दिया कि यदि महिला वर्कर रखी जाएं तो बेहतर होगा। इससे काम में तेजी आएगी। श्वेता ने अपने पति से पूछा कि क्या वह आसपास की झुग्गियों में रहने वाली महिलाओं से बात करें। पति ने हां कहा तो श्वेता ने उनके साथ संपर्क साधा। श्वेता ने समझाया तो महिलाएं फैक्ट्री में काम करने के लिए राजी हो गईं। जब कुछ दिन महिलाओं ने काम किया तो उनको अच्छा लगने लगा। उन महिलाओं को देखते-देखते दूसरी महिलाएं भी आने लगीं। श्वेता कहती हैं कि इससे दो फायदे हुए। एक ये कि महिलाओं को रोजगार मिल गया, वे सशक्त हो गईं। दूसरा ये कि उनमें आत्मविश्वास आया कि वे भी कुछ कर सकती हैं। पति के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकती हैं।