अपराजिता चेंजमेकर्स
आज बेटे ही नहीं बेटियां भी मां-बाप की विरासत संभाल रही हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं, पार्षद उपिंदर प्रीत कौर गिल। इनका कहना है कि जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए बस अपने ऊपर विश्वास होना चाहिए, बाकि आपकी मेहनत से सफलता के दरवाजे खुद ही खुलने लगते हैं। उनकी मां ने पंजाब को नशामुक्त करने की जो मुहिम चलाई थी, उसे अब वह आगे बढ़ा रही हैं। वह पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों को तंबाकू फ्री बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। इसके लिए उनका प्रोजेक्ट तैयार हो चुका है। उम्मीद है कि दोनों राज्यों की सरकारें भी अब इस दिशा में काम करेंगी।
भाई न होने का कभी अहसास नहीं होने दिया
उपिंदर बताती हैं कि वह अपने परिवार में दो बहनें हैं। उनका भाई नहीं है, लेकिन उनके मां-बाप ने कभी इसका अहसास उन्हें होने नहीं दिया। उनकी माता पूर्व पार्षद व एडवोकेट स्व. अमितेश्वर कौर व पिता ने उनकी अच्छे से परवरिश की। टॉप के स्कूलों से पढ़ाया। यूएसए की नामी यूनिवर्सिटी से एमबीए फाइनेंस कराई। साल 2011 में वह इंडिया आ गईं।
मां ने ऐसे शुरू की थी संस्था
उपिंदर ने बताया कि उनकी माता अमितेश्वर कौर हाईकोर्ट की वकील थीं। 1996 में उनकी माता ने पंजाब को तंबाकू व नशा मुक्त बनाने के लिए काम शुरू किया। उन्होंने जेनरेशन सेवियर नाम से संस्था बनाई थी। यह संस्था पब्लिक हेल्थ के प्रोजेक्ट्स पर भी काम करती है। भारत सरकार के कई प्रोजेक्ट व डब्ल्यूएचओ के प्रोजेक्ट्स के साथ काम कर कर चुकी हैं। 2015 में मां अमितेश्वर कौर की अचानक मौत हो गई थी। वह उस समय तीसरी बार जीतकर पार्षद बनीं थीं, लेकिन मां की मौत से पूरा परिवार सदमे में था।उस समय उपिंदर की शादी को केवल चौदह दिन हुए थे। ऐसे में अपनी मां के द्वारा शुरू किए प्रयासों को आगे कैसे बढ़ाया जाए, उसे लेकर मन में कई तरह के सवाल थे। उनमें यह भी संदेह था कि क्या सोसाइटी उन्हें स्वीकार करेगी। ससुराल वाले क्या इसमें सहयोग करेंगे, लेकिन उन्हें सबका सहयोग मिला और वह आगे बढ़ती चली गईं। साथ ही उन्होंने दोनों परिवारों की जिम्मेदारियों को भी पूरा किया। वह चुनावी जीतीं। उनकी मां ने अपने जिस प्रोजेक्ट को जहां छोड़ा था, वह उसे वहीं से आगे लेकर चलीं। वह प्रोजेक्ट अब हरियाणा में पहुंच गया है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.