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इनायत ने लिया शहीदों की बेटियों को गोद

Published - Sun 10, Mar 2019

अपराजिता सिस्टम की ताकतवर कड़ी

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अनुशासित अफसर बिहार के शेखपुरा की डीएम इनायत खान। हाल ही में पुलवामा के शहीदों को अनूठी श्रद्धांजलि देकर चर्चा में आईं। बीती 17 फरवरी को उन्होंने एलान किया कि वे हमले में शहीद हुए बिहार के सीआरपीएफ जवानों रतन कुमार ठाकुर व संजय सिन्हा की एक-एक बेटी को गोद लेंगी। उनकी पढ़ाई और आजीवन परवरिश का जिम्मा उठाएंगी। साथ ही उन्होंने अपना दो दिन का वेतन दोनों शहीदों के परिवारों को देने की घोषणा की है। कहती हैं कि ऊपर वाले ने यदि आपको सक्षम बनाया है तो, निश्चित तौर पर दूसरों के काम आने के लिए।

इंजीनियर से आईएएस बनने तक
इनायत खान  की पहचान एक अनुशासित अफसर के रूप में है। उन्होंने 2011 में सिविल सेवा परीक्षा में 176वां स्थान हासिल किया और उन्हें बिहार कैडर मिला। वे मूल रूप उत्तर प्रदेश के आगरा की निवासी हैं। सिविल सेवा में आने से पहले 2007 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एक साल सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी के लिए काम किया। मगर, इरादा कुछ और था, इसलिए नौकरी छोड़ी और आईएएस बनीं। सरकारी सिस्टम के ढीले रवैये को सुधारा। बाबुओं की मनमानी पर रोक लगाई। खास बात है कि बिहार की सामाजिक पृष्ठभूमि में रहकर भी अपनी अलग पहचान बनाई।

'जिम्मेदारी देने से पहले उठाकर उदाहरण पेश कीजिए। आप आगे बढ़िए नेक इरादे के साथ, कारवां बनता जाएगा।'

इनायत खान
डीएम, शेखपुरा, बिहार