अपराजिता सिस्टम की ताकतवर कड़ी
भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2009 की अधिकारी माला श्रीवास्तव हैदराबाद कैडर की हैं। बहराइच में डीएम रहते इनका फोकस सरकारी स्कूलों पर रहा। 'विद्यादान एक आदर्श दान' जैसा कैंपेन चलाया, जिसे काफी सराहा गया। यहां तक की नीति आयोग ने इसकी तारीफ की। इस अभियान से प्रबुद्ध वर्ग को जोडऩे के लिए एक डोर बहराइच की ओर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया। उनकी यह तकनीक उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के लिए मॉडल बन चुकी है।
पब्लिक और सिस्टम के बीच संवाद पर फोकस
सिस्टम पर फिर से पब्लिक का भरोसा कायम करने केलिए माला श्रीवास्तव ने कम्प्यूटराइज्ड मैकेनिज्म डेवलप किया। खास बात है कि यहां सारी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज की जाती हैं। फरियादी को जहां उसकी शिकायतों पर आगे क्या हो रहा है, इसका पता लग जाता है, वहीं शिकायतों के ऑनलाइन दर्ज होने पर अफसर भी इसके निदान से बच नहीं सकते।
'कौन करेगा शुरुआत, इसका इंतजार मत कीजिए। यदि वास्तव में आप कुछ करना चाहते हैं तो बस कर डालिए। यह याद रखिए आपकी एक कोशिश हजारों का जीवन बदल सकती है।'
माला श्रीवास्तव
विशेष सचिव, आवास एवं नगरीय
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.